• April 19, 2024 6:23 pm

गहलोत आज दिल्ली में सोनिया से मिल सकते हैं, नामांकन तक वहीं डेरा; पायलट पहले से मौजूद

28  सितम्बर 2022 | कांग्रेस में अध्यक्ष का चुनाव और राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री पद का फैसला.. दोनों मसलों के लिए आज का दिन निर्णायक हो सकता है। राजस्थान में CM पद पर शुरू हुए विवाद के बाद अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर माने जा रहे थे, लेकिन मंगलवार रात से फिर उनकी चर्चा शुरू हो गई है।

बड़ा सियासी अपडेट यह है कि गहलोत आज दिल्ली जा सकते हैं, सोनिया गांधी से मिल सकते हैं और नामांकन यानी 30 सितंबर तक वे दिल्ली में ही डेरा डालेंगे। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस लीडर्स का एक खेमा फिर से गहलोत का नाम अध्यक्ष पद के लिए आगे बढ़ा रहा है। फैसला आज शाम तक हो सकता है।

वहीं, CM पद के लिए गहलोत खेमे के विरोध का सामना कर रहे सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। अभी तक पायलट ने केवल यही कहा है कि वे हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा पायलट या उनके किसी समर्थक ने कोई बयान नहीं दिया है। इस चुप्पी को गंभीर माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, CM पद को लेकर भी फैसला जल्द लिया जा सकता है।

राजस्थान से दिल्ली मूवमेंट के पीछे कांग्रेस की स्ट्रैटजी…
गहलोत के नजदीकी तीन नेताओं ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया और इस पर उन्हें नोटिस दिया गया। लेकिन, पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट और नोटिस में गहलोत का नाम नहीं लिया है। सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान इस विवाद को टालने की कोशिश में है। गहलोत का नाम नहीं लिए जाने को विवाद टालने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ ही हाईकमान आगे संभावनाएं खुली रखने की स्ट्रैटजी पर चल रहा है। अध्यक्ष पद के नॉमिनेशन का नाम आज फाइनल होने की संभावना है।

अध्यक्ष पद पर अब तक केवल दो ही नेताओं ने नॉमिनेशन फॉर्म लिए
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 30 सितंबर तक नामांकन भरे जा सकेंगे। अब तक कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण से केवल शशि थरूर और कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल ही नॉमिनेशन फॉर्म लेकर गए हैं। पवन बंसल खुद नॉमिनेशन भरने से मना कर चुके हैं। बताया जाता है कि बंसल ने हाईकमान के नेताओं के इशारे पर ही नॉमिनेशन फॉर्म लेकर रखा है, ऐसे में कोई नया नाम सामने आ सकता है।

गहलोत ने मंगलवार शाम जयपुर में मंत्री-विधायकों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने नॉमिनेशन के लिए कोई बात नहीं की। गहलोत ने सप्ताह भर पहले विधायक दल की बैठक में कहा था कि अगर अध्यक्ष चुनाव लड़ा तो सबको दिल्ली चलना होगा। गहलोत की तरफ से अब तक उनके प्रतिनिधि ने अभी तक नॉमिनेशन फाॅर्म भी नहीं लिया है।

पायलट कल से दिल्ली में, गहलोत आज से दिल्ली दौरे पर
राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक का बड़ा हिस्सा अब दिल्ली शिफ्ट हो गया है। सचिन पायलट कल से दिल्ली में है, पायलट ने कई नेताओं से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरे विवाद के बाद आज पहली बार दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं। सचिन पायलट को सीएम बनाने की संभावनाओं को देखते हुए गहलोत खेमे ने मोर्चा खोल रखा है।

गहलोत खेमे की अब प्रभारी बदलने की मांग, माकन विरोधियों को गहलोत गुट का साथ
राजस्थान विवाद में प्रदेश प्रभारी अजय माकन अब अशोक गहलोत खेमे के निशाने पर हैं। गहलोत गुट को एआईसीसी में माकन विरोधी नेताओं का भी साथ मिल रहा है। इन नेताओं ने अब माकन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है। गहलोत खेमा माकन को हटाने की मांग कर रहा है।

विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के बाद हुए विवाद और माकन की रिपोर्ट पर गहलोत के नजदीकी मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी ने खुलकर सवाल उठाए थे। धारीवाल ने माकन पर पक्षपात करने के आरोप लगाए। इन आरोपों पर गहलोत ने अब तक कुछ नहीं कहा है। अजय माकन को लेकर गहलोत खेमा कभी भी संतुष्ट नहीं रहा, अब उन्हें बदलने की नए सिरे से मुहिम शुरू की गई है।

पूरे विवाद पर अब तक पायलट और गहलोत की चुप्पी से भावी सियासी संकेत
रविवार रात के घटनाक्रम से लेकर अब तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ने चुप्पी साध रखी है। हालांकि गहलोत समर्थक मुखर होकर पायलट का विरोध कर रहे हैं, गहलोत के नजदीकी मंत्री और विधायक सचिन पायलट और उनके खेमे के अलावा किसी को भी सीएम बनाने पर राजी होने की बात कह रहे हैं।

इतने विवाद और खुले तौर पर गहलोत समर्थकों की बयानबाजी के बावजूद सचिन पायलट और उनके किसी समर्थक विधायक ने अब तक एक शब्द नहीं बोला है। पायलट के दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट और उनके कैनिंग लेन आवास पर मीडिया ने उनसे पूरे विवाद पर सवाल किए लेकिन चुप्पी साधे रहे। पायलट की चुप्पी को भावी सियासी संकेत माना जा रहा है।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                         

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