• April 26, 2024 3:02 am

जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर निगरानी रखेगी सरकार-सेंसर आधारित आईओटी उपकरण का होगा इस्तेमाल

By

Apr 2, 2021
उत्तराखंड के शहरों में अब नहीं होगी पेयजल की कमी, ऐसे सुधरेगी आपूर्ति

उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के दूर दराज़ के गांव में भी लोगों को पानी तलाश में कई किलोमिटर का सफर तय करना पड़ता है. आम जनता की इस परेशानी को दूर करने के लिए सरकार जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी के लिए सेंसर आधारित आईओटी का इस्तेमाल करने जा रही है.

जल शक्ति मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने फैसला किया है कि वह छह लाख से ज्यादा गांवों में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी करने के लिए सेंसर आधारित ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) उपकरण का इस्तेमाल करेगा.
टाटा ट्रस्ट्स के सहयोग से हो रहा काम

मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जल जीवन मिशन ने ‘टाटा कम्यूनिटी इनिशिएटिव ट्रस्ट’ (टीसीआईटी) और ‘टाटा ट्रस्ट्स’ के सहयोग से उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के दूर दराज़ के कई गांवों में हाल में एक पायलट परियोजना को पूरा किया है.

दूर-दराज के इलाकों में पहुंचेगा स्वच्छ पानी
बयान के मुताबिक, इन पायलट परियोजनाओं की प्रमुख विशेषता किफायती मगर मजबूत सेंसर का इस्तेमाल रही जो समाधान को टिकाऊ बनाते हैं. टीम के समक्ष सबसे प्रमुख समस्याओं में गुणवत्ता से समझौता किए बिना जल अवसंरचना की लागत के एक अंश से एक मजबूत समाधान विकसित करना रही.

मंत्रालय का कहना है कि इससे दूर दराज के इलाके में रहने वालों तक साफ और स्वच्छ जल की पहुंच बनेगी और आने वाले समय में दूषित पानी के कारण होने वाली समस्या से निजात पाया जा सकेगा. इसके अलावा मंत्रालय ने जल संरक्षण और भूमि जल संवर्धन की भी बात कही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *