बताया जा रहा है कि यूपी के उपचुनावों में सपा कांग्रेस को सिर्फ एक सीट देने पर विचार कर रही है। कांग्रेस से गठबंधन फाइनल किए बगैर सपा ने अपने प्रत्याशी भी घोषित करने शुरू कर दिए हैं। सपा ने करहल सीट से तेज प्रताप यादव को अपना उम्मीदवार बना दिया है।
- हरियाणा विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस की राह हुई मुश्किल
- यूपी उपचुनाव में सपा ने कांग्रेस को झटका देना शुरू किया
- बगैर गठबंधन फाइनल हुए सपा ने अपना प्रत्याशी उतार दिया
हरियाणा में सरकार बनाने के सपने संजो रही कांग्रेस के ‘हाथ’ से यह राज्य फिसल गया है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक हरियाणा के चुनाव परिणाम का असर यूपी में भी देखने को मिलेगा। यानी, कांग्रेस के लिए अब यूपी में उपचुनाव की सीटों को लेकर सपा से तोल-मोल करना इतना आसान नहीं रह जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि सपा 10 सीटों में से कांग्रेस को सिर्फ एक सीट फूलपुर दे सकती है। यूपी में सपा ने कांग्रेस को झटका देना शुरू भी कर दिया है। बगैर गठबंधन फाइनल किए सपा ने करहल सीट से अपना उम्मीदवार घोषित भी कर दिया।
मंगलवार को जब पूरा देश हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों में व्यस्त था, सपा ने करहल उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। सपा ने तेज प्रताप यादव को उपचुनाव में उतारा है। यह सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने के बाद से खाली हुई है। दरअसल, हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर फंसे पेच के बाद से ही यूपी में गठबंधन की स्थिति नाजुक है। लोकसभा चुनाव में आए अच्छे नतीजों के बाद सपा ने उपचुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन आगे बढ़ाने पर रजामंदी देते हुए हरियाणा और महाराष्ट्र में सीटें मांगी थी। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस यूपी में तीन से चार सीटें चाहती थी, जबकि सपा की नजरें हरियाणा की छह सीटों पर थी। हालांकि हरियाणा को लेकर बातचीत कामयाबी की दिशा में नहीं बढ़ सकी।
अब कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुद को हरियाणा चुनाव से अलग कर लिया। इसके बाद यूपी में भी सीट बंटवारे की बातचीत बंद हो गई। माना जा रहा था कि हरियाणा में कांग्रेस को अगर अपेक्षित परिणाम मिल जाता है तो यूपी में सपा से बातचीत फिर शुरू होगी और महाराष्ट्र में सपा को भागीदारी भी मिल सकती है। लेकिन जिस तरह से हरियाणा में परिणाम आए हैं, उसके बाद कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा कि वह चार सीटें देने के लिए सपा को सहमत कर सके। इसका असर यह हो सकता है कि सपा और कांग्रेस दोनों ही उपचुनाव में अकेले ही मैदान में हों।
SOURCE – PROMPT TIMES