• December 13, 2024 4:20 am

‘Whatsapp पर हिंदू-मुस्लिम ग्रुप’, ऐसी क्या हुई भूल, केरल में क्यों सस्पेंड किए गए दो IAS ऑफिसर

ByPrompt Times

Nov 15, 2024
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केरल में दो आईएएस अधिकारियों को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। केरल सरकार ने सोमवार देर रात जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया कि दोनों सिविल सेवा अधिकारियों का कृत्य गंभीर है।

 

केरल सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों को सर्विस नियमों का पालन नहीं करने और अनुशासन उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया है। दोनों के नाम हैं के. गोपालकृष्णन और एन.प्रशांत। सरकार ने कहा है कि गोपालकृष्णन ने ऐसा काम किया है जिससे अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के भीतर फूट पैदा की, जबकि प्रशांत के आचरण ने राज्य की प्रशासनिक प्रणाली की छवि को नुकसान पहुंचाया है। गोपालकृष्णन ने सरकारी अधिकारियों के लिए धर्म आधारित ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया था जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वहीं प्रशांत को इसलिए सस्पेंड किया गया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी।

दोनों अधिकारियों पर लगे हैं बड़े आरोप

केरल की पिनराई विजयन सरकार ने सोमवार की देर रात दोनों आईएएस अधिकारियों के जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया कि दोनों दोनों का कृत्य गंभीर अनुशासनहीनता और अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। आदेश में कहा गया कि हाल ही में एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया गया था, उद्योग निदेशक गोपालकृष्णन को उक्त समूह का ‘एडमिन’ बताया गया था। पुलिस जांच में पता चला कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह साबित करे कि गोपालकृष्णन का मोबाइल फोन ‘हैक’ किया गया जैसा कि अधिकारी ने दावा किया है।

फोरेंसिक जांच के लिए फोन जमा करने से पहले अधिकारी ने खुद ही मोबाइल फोन को बार-बार ‘फैक्टरी रीसेट’ किया था। इसमें कहा गया, ‘‘ सरकार का प्रथम दृष्टया यह मानना ​​है कि गोपालकृष्णन के द्वारा बनाए गए उक्त ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ का मकसद राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर के बीच फूट डालना और उनकी एकजुटता को तोड़ना था।’’

दोनों अधिकारी किए गए निलंबित

वहीं विशेष सचिव (कृषि) एन.प्रशांत को निलंबित करने के एक अलग आदेश में सरकार ने अधिकारी पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस ए.जयतिलक के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘‘अपमानजनक बयान’’ देने का आरोप लगाया। जारी आदेश के अनुसार, ये टिप्पणियां गंभीर अनुशासनहीनता के बराबर हैं और ऐसी टिप्पणियां राज्य में प्रशासनिक प्रणाली की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।

source – prompt times


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