- यूएफओ के एलियंस होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि इस बात की कितनी संभावना है कि यदि यूएफओ वास्तव में एलियंस थे, तो वह सुबूत दिखाई देंगे.
09-जून-2021 | एंडर्स सैंडबर्ग, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (ब्रिटेन):- अमेरिकी सेना ने उड़ने वाली अज्ञात वस्तुओं (यूएफओ) के देखे जाने से संबंधित पहले से वर्गीकृत तस्वीरें और फिल्में जारी की हैं, जिनमें ज्यादातर में कोई धुंधली सी चीज अजीब तरह से चलती दिखाई देती हैं. अब सवाल यह पैदा होता है कि इन अस्पष्ट सी धुंधली आकृतियों को दूसरी दुनिया की मान लेना कहां तक तर्कसंगत है.
हर अन-आईडेंटिटीफाइड ऑब्जेक्ट एलियन नहीं
लोग अकसर आकाश में ऐसी चीजें देखते हैं, जिनके बारे में वह कुछ नहीं जानते. इनमें ज्यादातर हवाई जहाज, उपग्रह, मौसम के गुब्बारे, बादल और ऑप्टिकल प्रतिबिंब होते हैं. लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनके बारे में कोई ज्ञात स्पष्टीकरण नहीं है. ऐसे में समस्या यह होती है कि लोग अज्ञात को एलियंस अर्थात किसी दूसरे ग्रह से आया हुआ मान लेते हैं. पर यह भी तो अजीब है ना कि वह इन्हें देवदूत क्यों नहीं मान लेते. खैर, मुझे इसके बजाय गणित करना पसंद है. बेयस फॉर्मूला, आँकड़ों का एक मुख्य आधार, कुछ सबूत दिए जाने पर किसी चीज़ की संभाव्यता (पीआर) देता है.
एलियंस के बारे में पर्याप्त सबूत नहीं
विस्तार में जाएं तो यह कहता है कि कुछ सुबूतों के आधार पर यूएफओ के एलियंस होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि इस बात की कितनी संभावना है कि यदि यूएफओ वास्तव में एलियंस थे, तो वह सुबूत दिखाई देंगे. इसे इस तरह कह सकते हैं कि वास्तविक साक्ष्य की कितनी संभावना है, जो बेहद मुश्किल है. लेकिन हमें वास्तव में इस बात में दिलचस्पी है कि अगर सबूत हमें बताते हैं तो क्या हमें एलियंस पर विश्वास करना चाहिए, या तब भी एलिसंय पर विश्वास नहीं करना चाहिए. जब हम ऐसा करते हैं, तो हम उस अजीब कारक से भी छुटकारा पाते हैं कि सबूत कितने संभावित हैं. यह समीकरण अब दिखाता है कि फुटेज को देखने के बाद यह कितनी संभावना है कि यूएफओ एलियन हैं, इसकी कितनी संभावना है कि वे नहीं हैं.