दिल्ली में ‘बाबा का ढाबा’ (Baba Ka Dhaba) अब काफी मशहूर है. सोशल मीडिया ने रातों रात ‘बाबा का ढाबा’ चलाने वाले कांता प्रसाद और बदामी देवी नाम के इस बुजुर्ग दंपति को मशहूर कर दिया. एक तरफ लॉकडाउन में ग्राहकों की भारी कमी थी, तो अब मालवीय नगर के इस ‘बाबा का ढाबा’ पर ग्राहकों की लाइन लगती है. स्पॉन्सर करने वाली कंपनियों की भी कमीं नहीं है. ऐसे में इनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है.
ढाबा वाले बाबा और अम्मा की कहानी
कांता प्रसाद (80) और उनकी पत्नी बदामी देवी (78) पिछले 30 साल से ‘बाबा का ढाबा’ चला रहे हैं. ऐसे में उनके बारे में भी लोग जानना चाहते हैं. इस बीच ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे सोशल मीडिया पेज ने कांता प्रसाद और बदामी देवी की कहानी सबसे साथ साझा की है.
ऐसे हुई थी शादी
कांता प्रसाद को अपनी शादी की कुछ झलकियां याद हैं. उन्होंने कहा कि उनकी शादी महज 5 साल की उम्र में हो गई थी और तब बदामी सिर्फ 3 साल की थी. उन्होंने बताया, ‘हमें नए कपड़े पहनाए गए और सारी रस्में हुईं. हमारे लिए तो ये सब पिकनिक जैसा था. हमें शादी के बारे में पता ही नहीं था. हम साल में एक बार दोस्तों की तरह मिलते. जब हम बड़े हुए तब हमारे रिश्ते के बारे में हमें पता चला. मैं 21 साल का हुआ, तब बदामी हमारे साथ रहने आई और हमारी दोस्ती मोहब्बत में बदल गई. और हम एक साथ ही जीते रहे.’
आजमगढ़ से 1961 में आए दिल्ली
कांता प्रसाद ने कहा कि जब बेटी पैदा हुई, तब हम आजमगढ़ से दिल्ली आ गए. शुरुआत में सब्जियां बेची और परिवार को पाला. हमने साल 1990 में ‘बाबा का ढाबा’ शुरू किया. बदामी सब्जियां काटती और मैं बनाता हूं.
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कांता प्रसाद और बदामी देवी की ये कहानी लोगों को काफी पसंद आ रही है. इस बीच अनुष्का शर्मा ने इनकी कहानी साझा करते हुए लिखा, ‘अच्छे विचारों को हमेशा किताबी शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है.’
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