नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन पर जम्मू-कश्मीर में सत्ता में रहने के दौरान आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोमवार को अनुच्छेद 370 पर रुख को लेकर कश्मीर के कुछ राजनीतिक दलों पर निशाना साधा और कहा कि यह इतिहास का हिस्सा है और संविधान में इसके लिए कोई जगह नहीं है. जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के मतदान से पहले यहां एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘विकसित जम्मू-कश्मीर’ की दिशा में काम कर रही है और उसने गुर्जर आरक्षण को छुए बिना ‘पहाड़ियों’ को आरक्षण दिया है.
अमित शाह ने किश्तवाड़ में कहा, “पीएम मोदी ने जो धारा-370 हटाई, वो अब इतिहास बन गई है. संविधान में धारा-370 के लिए कोई जगह नहीं रह गई है. जम्मू कश्मीर में अब दो विधान, दो प्रधान और दो झंडे कभी नहीं हो सकते हैं. झंडा सिर्फ हमारा प्यारा तिरंगा ही होगा.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सोमवार को किश्तवाड़ जिले की पद्देर-नागसेनी क्षेत्र में भाषण देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यहां कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार नहीं बन रही है. ये दोनों यहां धारा 370 की बहाली की बात करती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर को विकसित जम्मू-कश्मीर बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, “हमने विभाजन के दिन देखे हैं. 1990 में आतंकवाद के दिन भी देखे हैं. चंद्रिका शर्मा हों या परिहार बंधु हों… सभी ने कुर्बानियां दीं. मैं आज इस क्षेत्र सहित जम्मू-कश्मीर की जनता से वादा करता हूं कि हम आतंकवाद को इतना नीचे दफन करेंगे कि कभी बाहर नहीं आ पाएगा.”
‘NC-कांग्रेस फिर से आतंक लौटाने में जुटे’
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में गठबंधन कर चुनाव लड़ रही नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा, “ये दोनों दल जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंक को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. 1990 के दशक की तरह आज भी प्रयास हो रहे हैं, यहां आतंकवाद को फिर से मजबूत करने के. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने यहां कुछ वादे किए हैं कि उनकी सरकार आएगी तो आतंकवादियों को छोड़ देंगे.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं आज आप लोगों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि ये नरेंद्र मोदी सरकार है, किसी की भी हिम्मत नहीं है कि वो भारत की धरती पर आतंकवाद फैलाए. यहां आतंकवाद के लिए न तो कोई जगह है और न ही कभी होगी.”
चुनाव NC-कांग्रेस और BJP के बीच: शाह
पीएम मोदी के विकसित कश्मीर का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, “एक ओर वे लोग (नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस) आतंक से लैस जम्मू-कश्मीर बनाना चाहते हैं, तो दूसरी ओर पीएम मोदी ‘विकसित कश्मीर’ बनाना चाहते हैं.” उन्होंने आगे कहा कि धारा-370 हटने के बाद यहां की महिलाओं को जो आरक्षण मिला है, उसे वो (नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस) खत्म करना चाहते हैं, तो वहीं पीएम मोदी महिलाओं के साथ गुर्जर, पहाड़ी, दलित और ओबीसी को भी आरक्षण का अधिकार देना चाहते हैं.”
विपक्षी गठबंधन पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर का यह चुनाव स्पष्ट रूप से दो ताकतों के बीच है. एक ओर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस है तो दूसरी ओर बीजेपी है. एनसी और कांग्रेस कहती हैं कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम धारा-370 को वापस लाएंगे. पहाड़ियों और गुर्जर भाइयों को जो आज आरक्षण मिला है, वो धारा-370 के रहते नहीं मिल सकता था. अगर धारा 370 वापस लाई जाती है तो इससे गुर्जरों और पहाड़ियों को दिया गया आरक्षण खत्म हो जाएगा.”
धारा 370 को इतिहास की बात करते हुए अमित शाह ने कहा, “पीएम मोदी ने जो धारा-370 हटाई, वो अब इतिहास का पन्ना बन गई है. देश के संविधान में अब धारा-370 के लिए कोई जगह नहीं रह गई है. जम्मू कश्मीर में अब दो विधान, दो प्रधान और दो झंडे कभी नहीं हो सकते हैं. झंडा सिर्फ हमारा प्यारा तिरंगा ही होगा.”
अनुच्छेद 370 को वापस लाने का प्रयास सफल नहीं होगा
गृह मंत्री ने कहा, “एनसी और कांग्रेस का कहना है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे अनुच्छेद 370 को बहाल करेंगे. क्या अनुच्छेद 370 वापस होना चाहिए? पहाड़ियों और गुर्जर भाइयों को जो आरक्षण मिलता है, वह अनुच्छेद 370 बहाल होने पर संभव नहीं होगा. लेकिन मैं कश्मीर में माहौल देख रहा हूं, न तो फारूक अब्दुल्ला और न ही राहुल गांधी यहां सरकार बना रहे हैं. धारा 370 अब इतिहास का हिस्सा है. भारत के संविधान में धारा 370 के लिए कोई जगह नहीं है. कश्मीर में दो संविधान और दो झंडे नहीं होंगे, केवल एक झंडा होगा और वह हमारा तिरंगा है.”
किश्तवाड़ के लोगों ने 1990 के आतंकवाद के दौरान बलिदान दिया
अमित शाह ने देशभक्ति की भावना के लिए स्थानीय लोगों की सराहना की और कहा, “किश्तवाड़ की यह भूमि योद्धाओं की भूमि है. जब कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण भारत का विभाजन हुआ, तो नेहरू की शेख-समर्थक नीतियों के कारण जम्मू-कश्मीर की रियासत कहाँ जाएगी, यह तय करने में बहुत समय लगा. जम्मू-कश्मीर में संकट था, किश्तवाड़ के लोगों ने 1990 के आतंकवाद के दौरान बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया, यहां के प्रत्येक नागरिक ने सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई लड़ी और आतंकवाद को खत्म करने में योगदान दिया.”
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.
SOURCE – (PROMPT TIMES)