• April 25, 2024 7:53 pm

इनकम टैक्स ने शुरू की डेढ़ करोड़ सोने की पड़ताल-KYC से पकड़ी जाएगी गोल्ड तस्करों की पूरी चेन, कानपुर समेत 10 जगहों पर होनी थी सप्लाई

ByPrompt Times

Sep 18, 2021

18-सितम्बर-2021 | सेंट्रल स्टेशन में जीआरपी द्वारा पकड़े गए डेढ़ करोड़ की कीमत के साढ़े तीन किलो सोने के बिस्किट आभूषण और हीरे की ज्वेलरी के मामले में आयकर विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस पूरे प्रकरण में गोल्ड के साथ चार हैंडलरों को कानपुर एवं आसपास के कई जिलों में माल की डिलीवरी देनी थी। उन सभी ने अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिए हैं। इस प्रकरण में से दो हैंडलरों के बयान आयकर विभाग के अधिकारियों ने दर्ज कर लिए हैं। इनके पास से गोल्ड और हीरे ने आभूषण की लिखा पढ़ी के कच्चे पर्चे भी मिले हैं।आयकर विभाग अब आगे की पड़ताल शुरू कर इस मामले से जुड़े सभी लोगों तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी है। सिर्फ कानपुर ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों तक दिल्ली से आभूषण लाकर सप्लाई करने का कारोबार पिछले कई सालों से चल रहा था।

आयकर की दो सदस्यीय टीम जुटी पड़ताल में

सेंट्रल स्टेशन में चेकिंग के दौरान गुरुवार को जीआरपी ने 4 लोगों को पकड़ा था। तलाशी में उनके पास से साडे 3 किलो सोने के आभूषण और बिस्किट और कुछ हीरे के आभूषण भी मिले थे। इनमें से 490 ग्राम के सोने के बिस्किट थे। पूछताछ में सामने आया था कि साईं फास्ट कोरियर कंपनी के कर्मचारी हैं। जिसका ऑफिस दिल्ली में हैं। जीआरपी ने इस पूरे मामले की जानकारी आयकर विभाग को दे दी है। जिसके बाद से आयकर विभाग ने अपनी पड़ताल शुरू कर चुकी है।विभाग की 2 सदस्य टीम ने इस पूरे मामले में जब पकड़े गए लोगों से पूछताछ की तो सामने आया कि पकड़ी गई ज्वेलरी और गोल्ड कुल मिलाकर वजन में 3 किलो 150 ग्राम सोना है। 50 कैरेट के हीरे हैं। कुछ अन्य तरह के नग है, जिनकी कीमत अभी नहीं लगाई गई।​​​​​​

पकड़े गए चारों युवक हैंडलर

विभाग के अफसरों ने जांच के दौरान पता चला है कि पकड़े गए चारों युवक हैंडलर मात्र हैं। मतलब इनको माल देकर डिलीवरी करने को कहा जाता था। इन्हें कानपुर के ही अलग-अलग लोगों को आभूषण सौपना था। डिलीवरी लेने के लिए एक पार्टी इटावा से थी, तो एक प्रयागराज से आई थी, जबकि कानपुर के आसपास के छोटे जिलों में भी माल डिलीवरी होना था। इसमें फर्रूखाबाद और उसके आसपास के के जिले भी शामिल है। पकड़ में आए हैंडलरों से बाकी के लोग फोन पर संपर्क करके गोल्ड की डिलीवरी लेते थे।

10 जगहों पर होनी थी सप्लाई

डिलीवरी लेने वालों के अलग-अलग पैकेट होते थे। जिनमें आभूषणों का कच्चा पर्चा और डिलीवरी लेने वाले का नाम नंबर भी रहता है। इन्हीं मोबाइल नंबरों पर माल लेने वाले की पहचान होती थी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जिन्हें गोल्ड के आभूषणों की डिलीवरी दी जानी थी, ऐसे 10 लोगों के मोबाइल नंबर सामने आए हैं। इन हैंडलरों के पकड़े जाने के बाद से सभी 10 नंबर स्विच ऑफ जा रहे हैं। अब आयकर विभाग की जांच इकाई इस सभी मोबाइल नंबर के केवाईसी निकालने की तैयारी में लग गई हैं।

गोल्ड मंगाने वाले केवाईसी से पकड़े जाएंगे

केवाईसी से पता चल सकेगा कि नंबर किस नाम और पते पर जारी हुए हैं। पता मिलते ही विभाग इन सभी लोगों को नोटिस जारी करेगा। इस मामले में पकड़े गए रमेश और सुरेंद्र सैनी को अधिकारियों ने शुक्रवार को बयान दर्ज कराने को बुलाया था। जानकारी हुई है कि रमेश बनारस है जबकि एक अन्य साथी दिल्ली से है। बाकी के दो राजस्थान से है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *