प्रतापगढ़ : इस बार फरवरी के अंत में ही तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इसका असर गेहूं के उत्पादन पर बढ़ेगा। दाने सिकुड़ सकते हैं। चना-मटर आदि के उत्पादन पर इसका प्रभाव कम पड़ेगा। आम पर भुनगा का प्रभाव ज्यादा रहेगा। इसके उत्पादन पर असर पड़ेगा। ऐसा कृषि विज्ञानिकों का मानना है।
जिले में गत वर्ष 1.43 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोआई हुई थी। उत्पादन 29 कुंतल प्रति हेक्टेयर हुआ था। इस बार पांच हजार अधिक एरिया में गेहूं बोया गया है। गेहूं की फसल 1.48 लाख हेक्टेयर में की गई है। इस बार गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य 32 कुंतल प्रति हेक्टेयर रखा गया था। जिला कृषि अधिकारी अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण पांच कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन इस बार कम होने के आसार हैं। दैनिक जागरण ने इस संबंध में आम के किसान व प्रगति शील किसानों के साथ कृषि एक्सपर्ट से बातचीत की।
इस बार गर्मी की शुरुआत फरवरी के अंत से ही हो गई है। इससे आम की बौर में भुनगा का प्रकोप बढ़ेगा। इससे आम की फलन भी प्रभावित होगी।
राम दयाल सरोज, गुलरही बाग, आलापुर, किसान
पिछले साल भी आम का फलन अच्छा नहीं हुआ था। इस बार भी गर्मी अधिक पड़ने से फसल प्रभावित होने के आसार हैं। यदि आंधी आ गई तो और आफत आ जाएगी।
छोटे लाल सरोज, गुलरही बाग आलापुर, किसान
इस बार तेज धूप से तापमान बढ़ रहा है। यह हर साल मार्च महीने में भी इतना तेज नहीं होता था। अभी से ही इतना तापमान बढ़ने से गेहूं के साथ दलहनी फसलों को भी नुकसान होगा।
गिरिजा शंकर यादव, प्रगतिशील किसान, थरिया
अभी से ही इतना तापमान होना फसलों के लिए सुखद नहीं है। इसका असर गेहूं के साथ सरसों अरहर सभी फसलों पर पड़ेगा। गाढ़ी कमाई पर पानी फिरेगा।
इंद्र प्रसाद पटेल, प्रगतिशील किसान, रामापुर
इस साल समय से पहले तापमान बढ़ने लगा है। इसका सीधा असर गेहू़ के उत्पादन पर बढ़ेगा। दाने पतले होंगे। ठंडक कम पड़ने से चना व मटर के दाने जल्द पक जाएंगे। आम में भुनगा कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। इससे फलन प्रभावित होगी।
डॉ. भाष्कर शुक्ला, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र ऐंठू कालाकांकर