दिनांक 20 दिसंबर l भारत (India) और ताइवान (Taiwan) फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। बताया जाता है कि एफटीए (FTA) के साथ ही भारत में एक ताइवानी फर्म द्वारा सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन यूनिट (Semi Conductor Production Unit) की स्थापना के लिए बातचीत शुरू कर दी है। इसे समग्र द्विपक्षीय आर्थिक जुड़ाव को व्यापक आधार देने के उनके संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस समय भारत के 50 से भी ज्यादा देशों के साथ व्यापार संधि है।
दूसरा ऐसा केन्द्र होगा
इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि यदि सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र स्थापित करने का कदम सफल होता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धी होगी। अमेरिका के बाद ताइवान की कंपनी द्वारा किसी दूसरे देश में स्थापित किया जाने वाला यह दूसरा ऐसा केन्द्र होगा। इस यूनिट को स्थापित करने का कदम भारत में मोटर वाहन निर्माताओं और टेक कंपनियों द्वारा चिप की बढ़ती मांग के बीच आया है।
रणनीतिक महत्व
सेमीकंडक्टर केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव काफी हद तक भारत और ताइवान के बीच संबंधों के रणनीतिक महत्व से प्रेरित है, न कि इसके व्यावसायिक पहलू से। भारत सरकार ने बीते बुधवार को ही भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन केंद्र बनाने के एक बड़े लक्ष्य के साथ सेमीकंडक्टर डिजाइन, निर्माण और डिस्प्ले फैब्रिकेशन (फैब) इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन प्रदान करने की योजना का अनावरण किया था।
ताइवान के साथ संबंध नया नहीं
भारत व्यापार, निवेश, पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्रों में ताइवान के साथ अपने संबंधों को बढ़ावा देता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और उद्योग के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। अनुमान है कि इस समय करीब 2,800 भारतीय छात्र ताइवान में पढ़ाई कर रहे हैं।
Source :- नवभारत टाइम्स