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NASA के Mars Mission की अहम कड़ी हैं भारतीय मूल की वैज्ञानिक Swati Mohan- कई Projects का रह चुकी हैं हिस्सा

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Feb 20, 2021
NASA के Mars Mission की अहम कड़ी हैं भारतीय मूल की वैज्ञानिक Swati Mohan- कई Projects का रह चुकी हैं हिस्सा

नासा (NASA) के पर्सीवरेंस रोवर (Perseverance Rover) ने मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है और इस सफलता में भारतीय मूल की वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन (Dr Swati Mohan) का बहुत बड़ा योगदान है. जब पूरी दुनिया की निगाहें नासा के रोवर की ऐतिहासिक लैंडिग पर टिकी हुईं थीं, स्वाति कंट्रोल रूम में नेविगेशन एंड कंट्रोल (Navigation, and Controls-GN&C) सबसिस्टम और पूरी प्रोजेक्ट टीम के साथ कॉरडिनेट कर रही थीं. डॉ. स्वाति पिछले काफी समय से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी से जुड़ी हुईं हैं और इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं.

रखती हैं Team का ख्याल
डेवलपमेंट प्रोसेस के दौरान लीड सिस्टम इंजीनियर होने के अलावा डॉ स्वाति मोहन (Dr Swati Mohan) पर ऐसे महत्वपूर्ण अभियानों में टीम की देखभाल की जिम्मेदारी भी होती है. वह ही GN&C के लिए मिशन कंट्रोल स्टाफिंग का शेड्यूल तैयार करती हैं. डॉ स्वाति एक वर्ष की उम्र में ही अपने परिवार के साथ भारत से अमेरिका शिफ्ट हो गई थीं. उनका ज्यादातर बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वॉशिंगटन DC मेट्रो क्षेत्र में बिता है.

बनना चाहती थीं Paediatrician
ज्यादातर बच्चों की तरह स्वाति मोहन को भी शुरुआत में नहीं पता था कि उन्हें क्या करना है. जब वह 9 साल की थीं, तब पहली बार ‘स्टार ट्रेक’ देखकर उन्होंने ब्रह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए वैज्ञानिक बनने का सोचा, लेकिन 16 वर्ष की होने पर उन्होंने बाल रोग विशेषज्ञ बनने की इच्छा जाहिर की. डॉ मोहन ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की है. इसके अलावा, उन्होंने एयरोनॉटिक्स/एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी से एमएस और पीएचडी भी की है.

इन Projects पर किया काम
डॉ. स्वाति मोहन नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में शुरुआत से ही मार्स रोवर मिशन की सदस्य रही हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों में भाग लिया है. भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक ने कैसिनी (शनि के लिए एक मिशन) और GRAIL (मिशन मून) परियोजनाओं पर भी काम किया है. स्वाति नासा की इस सफलता को लेकर बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि मंगल ग्रह पर टचडाउन की पुष्टि हो गई है. अब यह जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है.

ZEE

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