• April 25, 2024 6:50 pm

भारतीय अंतरिक्ष वेधशाला ने देखी बौनी गैलेक्सी के निर्माण की प्रक्रिया

29 जुलाई 2022 गैलेक्सी  को सामान्य तौर पर काफी विशाल खगोलीय पिंड माना जाता है. पिछले कुछ सालों से खगोलविद को बौनी गैलेक्सी भी खोज रहे हैं. हमारी गैलेक्सी मिल्की वे (Milky Way Galaxy) के आसपास भी बहुत सी बौनी गैलेक्सी मौजूद हैं. जहां अब मिल्की वे में विस्तार होने का बाद भी नए तारों का निर्माण बंद हो गया है. उसके आसपास ऐसी बौनी गैलेक्सी (Dwarf Galaxy) की भरमार है जो तारों के निर्माण की टकसाल हैं. भारत की पहली मल्टी वेवलेंथ स्पेस ऑबजर्वेटरी एस्ट्रोसैट (Multi Wavelength Space Observatory AstroSAT) ने अब एक ऐसी बौनी गैलेक्सी देखी है जिसके आस पास तारों का निर्माण हो रहा है. एस्ट्रोसैट ने इन्हीं तारों के निर्माण की प्रकिया भी अवलोकित की है.

तारों के निर्माण के इलाके
एस्ट्रोसैट ने एक बौनी गैलेक्सी के पास तारों के निर्माण के इलाकों का पता लगाया है जो गैलेक्सी के केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं और उसके भारत और चमक की वृद्धि में योगदान दे रहे हैं.  खगोलविद लंबे समय से यह जानने का प्रयास कर रहे थे कि ये बौनी और विशाल गैलेक्सी में तारों का वितरण कैसे होता है जिसके बाद ये आज की मिल्की वे के जैसी गैलेक्सी की तरह आकार लेती हैं.

अलग अलग दूरी पर स्थित
भारतीय खगलोविदों सहित अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने एस्ट्रोसैट के जरिए मिल्की वे गैलेक्सी के बाहर कई ब्लू कॉमप्टेक्ट डार्फ (BCD) गैलेक्सी में सुदूर पराबैंगनी (FIV) प्रकाश के धुंधले उत्सर्जन की पकड़ा. ये गैलेक्सी 1.5 से लेकर 3.9 अरब प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित हैं. यूवी इमेजिंग तकनीक और यूवी डीप फील्ड इमेजिंग तकनीक की विभोदन शक्ति  इन बहुत युवा और बड़े तारा गुच्छे या समूह को पहचानने में मददगार रही.

गैलेक्सी में तारों का समन्वायोजन
यह अध्ययन नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है. असम की तेजपुर यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र अंशुमन  बोर्गोहेन की अगुआई में शोधकर्ताओं की टीम ने इन समूहों के गैलेक्सी के अंदर जाने के समय की भी गणना की. अंशुमन ने एक बयान में बताया कि बौनी गैलेक्सी में समन्वायोजन प्रक्रिया की तस्वीर हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

शोधकर्ताओं ने मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) की बाहर बौनी गैलेक्सी के पास तारों के निर्माण का गुच्छ देखा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: NASA_JPL-Caltech)गैलेक्सी की वृद्धि
ये युवा तारे के गुच्छे गैलेक्सी के किनारों में बनते हैं और फिर सर्पिल आकार की यात्रा कर गेक्सी के अंदर एक निश्चित समय सीमा में ही समा जाते हैं. इससे गैलेक्सी की के विकास में वृद्धि होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज और इससे मिली जानकारी गैलेक्सी की वृद्धि और उद्भव प्रक्रिया मे खोई हुई कड़ियों को प्रदान करने का काम कर रही है.

Source;-“न्यूज़ 18 हिंदी”   

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