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किसानों की आय वृद्धि तथा सशक्तिकरण के लिए अदाणी फाउंडेशन की तरफ से जैविक कृषि की दिशा में फैमिली फार्मर अवधारणा की पहल

ByPrompt Times

Nov 28, 2020
किसानों की आय वृद्धि तथा सशक्तिकरण के लिए अदाणी फाउंडेशन की तरफ से जैविक कृषि की दिशा में फैमिली फार्मर अवधारणा की पहल
  • 800 एकड़ भूमि पर जैविक खेती की योजना
  • जीराफूल, बादशाहभोग तथा दुबराज धान की खेती से होगा बेहतर आर्थिक मुनाफा
  • किसान उत्पादन को मिलेंगे विभिन्न बाजार
  • फैमिली फार्मर विवरणी पुस्तिका का हुआ विमोचन

27 नवम्बर 2020, रायपुर – जैविक कृषि कार्यक्रम के माध्यम से किसानों की आमदनी व उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में अदाणी फाउंडेशन तथा महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति (मब्स), के अथक प्रयासों ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में जैविक कृषि का प्रमुख केंद्र बनते जा रहे परसा ग्राम में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत धान की देसी छत्तीसगढ़ी किस्म जीराफूल, बादशाहभोग तथा दुबराज धान की खेती व उससे होने वाले फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा इसे जैविक विधि से उत्पादित करने के लिए किसानों को वर्मीकम्पोस्ट और ऑर्गेनिक माइक्रोन्यूट्रीएंट्स आदि को ग्रामीण सामुदायिक स्तर पर उत्पादित करने के लिए प्रेरित किया गया। अडाणी फाउंडेशन के जैविक खेती केंद्रित जनजागरण अभियान से प्रभावित होकर इस वर्ष परसा ग्राम पंचायत द्वारा गांव में दो सौ एकड़ भूमि पर जैविक खेती करने का संकल्प लिया गया था। अभी तक इस अभियान के जरिए 100 से अधिक किसान सीधे तौर पर लाभान्वित हुए हैं।

उपरोक्त कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि क्षेत्र में जैविक खेती के लिए संकल्पित भूमि पर जीराफूल एवं दुबराज धान की स्वदेसी किस्मों की जैविक खेती करने की योजना बनाई जा रही है। वहीं भविष्य में गेंहू, सब्जी व दालों की भी जैविक खेती करने पर मंथन जारी है। किसानों को दी जाने वाली हाइब्रिड किस्म की गोरखनाथ धान उनकी पहली पसंद मानी जाती है। यह फसल महीन होने के साथ अधिकतम 120 से 125 दिन में तैयार हो जाती है। इसके अलावा धान की कुटाई में 72 फीसदी तक साबूत चावल प्राप्त होता है, जो दुसरे धान की तुलना में अधिक मुनाफा कमाने में सहायक है। इस अभियान के जरिए परसा गांव में 8 किसान क्लब सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं, जिनके माध्यम से 100 किसान संगठित किये गये हैं तथा जल्द ही फॉर्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के गठन का रास्ता भी साफ होता नजर आ रहा है।

यह उल्लेखनीय है कि फाउंडेशन व मब्स के संयुक्त पहल से संचालित इस तरह के विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने व दोगुनी करने समेत महिलाओं को सशक्त बनाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत साल्ही व ग्राम पंचायत परसा के किसान, ग्रामीण व उपभोक्ता शामिल रहे। इस दौरान अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के सरगुजा क्लस्टर हेड श्री संजय कुमार सिंह, क्लस्टर एच आर हेड श्री गौरव जैन, अडाणी फाउंडेशन के सी एस आर प्रमुख श्री राजेश रंजन , ग्राम पंचायत, परसा के सरपंच श्री झल्लूराम, उपसरपंच श्री शिवकुमार यादव, सचिव श्री इंद्रजीत यादव, पूर्व उपसरपंच श्री उमाशंकर यादव, ग्राम पंचायत, साल्ही के सरपंच श्री विजय सिंह कोर्राम, सचिव श्री छत्रपाल सिंह टेकाम, पंच श्रीमती बंधन पोर्ते, मब्स की अध्यक्ष श्रीमती अमिता सिंह, उपाध्यक्ष श्रीमती वेदमती उइके व अन्य की उपस्थिति में मब्स द्वारा संचालित पहल ‘फैमिली फार्मर विवरणी पुस्तिका’ का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर संजय कुमार सिंह ने कहा कि “फैमिली फार्मर’ पहल महिला सशक्तिकरण यात्रा तथा किसानों की आय वृद्धि की दिशा में क्रियान्वित किये जा रहे परियोजनाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यह किसानों के जैविक अनाजों व सब्जियों की बिक्री के लिए भारत के विभिन्न भागों में बाजार उपलब्ध कराएगा। साथ ही किसानों को बेहतर आय तथा उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य पदार्थ भी उपलब्ध कराएगा।”

मब्स (एमयूबीएसएस), जैविक खाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्मीकम्पोस्ट के व्यवसायिक उत्पादन पर कार्य कर रहा है। इस प्रक्रिया में पांच महिलाओं व पुरुषों को नियमित रोजगार मिलता है। अगले वर्ष से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन दो सौ टन प्रति वर्ष होने की उम्मीद है। इस उत्पादन इकाई से किसानों को स्थानीय स्तर पर खाद की आपूर्ति तो होगी ही, साथ ही 25 ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। मब्स द्वारा परसा ग्राम पंचायत स्तर पर जैविक कीटनाशक का उत्पादन भी किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत, परसा के सरपंच श्री झल्लूराम ने कहा कि “अडाणी फाउंडेशन की जितनी सराहना की जाए वह कम है क्योंकि फाउंडेशन की परियोजना अन्नपूर्णा के सफल संचालन से तथा मब्स के महिला सदस्यों के सशक्तिकरण से आज फैमिली फार्मर पहल हम लोगों के बीच है, जिससे किसानों तथा ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक विकास की संभावनाएं बढ़ गई हैं।”

उपरोक्त विमोचन समारोह पर साल्ही के सरपंच श्री विजय सिंह कोर्राम ने कहा कि “साल्ही ग्राम पंचायत में जैविक खेती का अभियान अडाणी फाउंडेशन के सहयोग तथा जन भागीदारी से चलाया जाएगा, क्योंकि आने वाला समय जैविक खेती का है और परसा ग्राम पंचायत ने जैविक खेती में सफलता प्राप्त किया है।”

फैमिली फार्मर विवरणी पुस्तिका विमोचन के अवसर पर श्री गौरव जैन, सरगुजा क्लस्टर एच. आर. हेड, अडाणी इंटरप्राइजेज लिमिटिड ने फैमिली फार्मर पहल के लिए मब्स तथा किसानों को बधाई दी। इसके आलावा ग्राम पंचायत, परसा के उपसरपंच श्री शिव कुमार यादव, पूर्व उपसरपंच श्री उमाशंकर यादव, सचिव श्री इंद्रजीत यादव ने तथा ग्राम पंचायत, साल्ही के सचिव श्री छत्रपाल सिंह टेकाम, मब्स की अध्यक्षा श्रीमती अमिता सिंह व उप्रारपंच श्रीमती वेदमती उइके ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए तथा प्राप्त मार्गदर्शन के लिए अडाणी फाउंडेशन को अपना अपना आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन अडाणी फाउंडेशन के यूनिट सी एस आर हेड श्री राजेश रंजन ने किया जबकि कार्यक्रम का सफल संचालन अडाणी फाउंडेशन की परियोजना पदाधिकारी सुश्री गायत्री लकड़ा ने समस्त फाउंडेशन टीम के साथ किया।

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