03 दिसंबर 2022 | क्या वैश्विक परिदृश्य में भारत के बढ़ते कद ने चीन (China) को परेशान कर दिया है? अपनी बौखलाहट छिपाने के लिए अब वह भारत को परेशान करने वाली हरकतें करने पर उतर आया है. यह सवाल इसलिए खड़ा हो गया है क्योंकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर के हैकिंग मामले में चीन के शामिल होने का संदेह जताया जा रहा है. माना जा रहा है कि ऐसा करके ड्रैगन ने संदेश दिया है कि वह आगे चलकर और भी बड़े साइबर अटैक करके भारत को पंगु बना सकता है.
4 और सर्वर भी थे निशाने पर
सूत्रों के मुताबिक एम्स (Delhi AIIMS) के ही चार और सर्वर हैकर्स के निशाने पर थे. संदिग्ध चीनी हैकरों ने एम्स के कुल पांच मुख्य सर्वरों को निशाना बनाया था. एम्स के सर्वर से हैक किया गया डेटा कथित तौर पर डार्क वेब के मुख्य डोमेन तक पहुंच गया है, जहां से इसे बेचा जा सकता है.
अभी तक चालू नहीं हो पाया है सर्वर
इस बीच, एम्स (Delhi AIIMS) वर्तमान में जांच एजेंसियों के मार्गदर्शन में साइबर सुरक्षा नीति तैयार करने पर काम कर रहा है. 23 नवंबर को हुए साइबर हमले के बाद से इसका सर्वर डाउन है. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि प्रभावित सर्वर की फॉरेंसिक तस्वीरें विश्लेषण के लिए भेजी गई हैं.
नेटवर्क को बहाल करने में जुटा एम्स प्रशासन
एम्स प्रशासन और अन्य एजेंसियां सामान्य सेवा बहाल करने में जुटी हुई हैं. मंगलवार को एम्स (Delhi AIIMS) ने कहा था कि ई-हॉस्पिटल डेटा को उसके सर्वर पर बहाल कर दिया गया है और सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है. अस्पताल सेवाओं के लिए डेटा की मात्रा और बड़ी संख्या में सर्वर/कंप्यूटर के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है. साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं.
अस्पताल में बढ़ गई है मरीजों की भीड़
हालांकि, सभी अस्पताल सेवाएं, जिनमें आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, प्रयोगशालाएं आदि शामिल हैं, वर्तमान में मैनुअल मोड पर चल रही हैं. इस बीच, अस्पताल (Delhi AIIMS) में आने वाले मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, जिससे भीड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. इसकी वजह ये है कि अभी ऑनलाइन अपॉइंटमेंट काम नहीं कर रहा है. इसके चलते लोग सीधे अस्पताल आ रहे हैं.