जबलपुर- शासकीय जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर (Jabalpur) ने मध्य प्रदेश की खेती (Madhya Pradesh Agriculture) का कृषि एटलस (Farm Atlas) तैयार किया है. इसमें फसलों और कृषि से जुड़े अन्य मदों के बारे में जिलेवार जानकारी प्रदर्शित की गई है. इससे कृषि नीति निर्धारकों, उद्योगों, व्यापारियों और शोधकर्ताओं को काफी मदद मिलेगी. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन ने रविवार को बताया कि इस एटलस को 26 जनवरी को जारी किया गया है. यह देश में इस तरह की पहली एटलस है और इससे लोगों को एक नजर में राज्य के कृषि क्षेत्र के बारे में जानने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक एटलस का संकलन कृषि विभाग के डीन डॉ. धीरेंद्र खरे के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के 16 वैज्ञानिकों के दल ने किया है. बिसेन ने बताया, ‘कृषि एटलस को दो भागों में प्रकाशित किया गया है. इसमें मध्य प्रदेश की प्रमुख अनाज फसलों के सांख्यिकीय आंकड़े और उनका विश्लेषण कर यह बताया गया है कि विभिन्न फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने हेतु विशेष संभावित क्षेत्र कौन से हैं.’
उन्होंने कहा कि इसमें भौगोलिक और सांख्यिकीय आंकड़ों को प्रदेश के नक्शे पर कृषि आधारित जानकारी जैसे कृषि जलवायु क्षेत्र, फसल जलवायु क्षेत्र, औसत प्रक्षेत्र आकार, उद्यानिकी फसलें, कृषि उत्पाद निर्यात क्षेत्र, औषधीय फसलें, वानिकी, कृषि जलवायु, प्राकृतिक संसाधन, उर्वरक उपयोग, कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की संस्थाएं, पशुपालन और भौगोलिक संकेतक आदि की जानकारी जिलेवार प्रदर्शित की गई है.
बिसेन ने बताया कि प्रदेश स्तर पर कृषि एटलस की महत्वपूर्ण जानकारी वैज्ञानिक, शिक्षण, कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं के साथ ही कृषि नीति निर्धारकों और व्यापारियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस एटलस में मध्य प्रदेश के कृषि परिदृश्य के बारे में दिलचस्प जानकारी है. बता दें कि राज्य में कुल 2,42,14,048 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल उगाई जाती है और इसमें से 43.06 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र है.