• April 23, 2024 6:21 pm

जम्मू-कश्मीर : गुलाम नबी आजाद ने सेना को दी सलाह, कहा- गैर-आतंकवादी हत्याओं के कारण बन जाती है सांप-सीढ़ी की स्थिति

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख़्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) नेता कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने घाटी में सेना के अभियान में आम लोगों के मरने पर चिंता व्यक्त की है।

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख़्यमंत्री और कांग्रेस (Congress) नेता कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने घाटी में सेना के अभियान में आम लोगों के मरने पर चिंता व्यक्त की है। जम्मू-कश्मीर में सेना के ऑपरेशन (Army Operations) की तारीफ करते हुए पूर्व सीएम ने उन्हें सलाह भी दी। कांग्रेस नेता ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कभी-कभी सैन्य अभियानों के दौरान नागरिकों की हत्या या गैर-आतंकवादी हत्याओं के कारण सांप-सीढ़ी की स्थिति बन जाती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम बचपन में सांप-सीढ़ी खेलते थे। आदमी ऊपर पहुंच जाता, वहां सांप का मुंह होता था, आदमी फिर नीचे पहुंच जाता। उसके बाद यह फिर से शीर्ष पर पहुंच जाता था।

गुलाम नबी ने कहा कि सैन्य अभियानों में आम लोगों के मारे जाने से आतंकवाद (Terrorism) अधिक बढ़ता है। आजाद ने कहा कि मैंने हमेशा सेना के ऑपरेशन की सराहना की है, खासकर पुंछ और राजौरी के इलाकों में। उन्होंने कहा कि यहां हमारे जवानों का काफी अच्छा तालमेल रहा है। आजाद ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों ने हमेशा अच्छा काम किया है। इसमें उनकी जान भी गई है। हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेना को ऐसी घटनाओं से बचना चाहिए। उन्हें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर कोई मिलिटेंट कहीं भाग जाता है तो जरूरी नहीं कि उसे अभी मारा जाए। उन्होंने कहा कि मेरे जमाने में मैं कहा करता था कि अगर कोई आतंकवादी किसी के घर में घुस जाता है तो वह कब भागता है, दुर्लभ मामलों में ऐसा होता है कि आतंकवादी (Terrorists) किसी के घर में शरण लेता है या परिवार के सदस्यों की उससे सांठगांठ होती है। पूर्व सीएम ने कहा कि सामान्य तौर पर मैंने देखा है कि भागते समय उग्रवादी उस घर में घुस जाते हैं जिसका घर खुला होता है। परिवार को यह भी नहीं पता कि वह कौन है। सुरक्षा बल (Security Forces) जाते हैं और घर को ही उड़ा देते हैं। ऐसे में आसपास के इलाके के लोगों को लगता है कि उन्होंने गलत किया है। सेना को इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई उग्रवादी किसी के घर में घुसे, तो दो दिन रुको, चारों तरफ से घेराबंदी करो। और उसका बहार आने तक इंतजार करना चाहिए।

SOURCE : हरिभूमि समचार

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