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जम्मू-कश्मीर- लद्दाख में शुक्रवार से दोबारा हिमपात की संभावना

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Jan 21, 2021
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में शुक्रवार से दोबारा हिमपात की संभावना श्रीनगर, 20 जनवरी । मौसम विभाग ने कश्मीर घाटी और लद्दाख में 22 जनवरी से फिर से हिमपात होने का अनुमान लगाया है। लेकिन इससे पहले यहां बुधवार को न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे चला गया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 22 की रात से 24 तक मध्यम तीव्रता के साथ पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू और कश्मीर व लद्दाख को प्रभावित किए जाने की संभावना जताई जा रही है, जिसकी अधिक सक्रियता 23/24 जनवरी को बनी रहेगी। उन्होंने आगे कहा, इससे जम्मू के पहाड़ी इलाकों, कश्मीर के मैदानी इलाकों में व्यापक रूप से मध्यम बर्फबारी होगी। इसके साथ ही लद्दाख के भी कुछ अलग-अलग हिस्सों में हल्की बर्फबारी होगी व जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश होगी। इसके चलते सड़क व हवाई मार्ग से यातायात अस्थायी रूप से बाधित होंगी। घाटी में कड़ाके की ठंड अभी भी जारी है, हालांकि न्यूनतम तापमान में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन इससे यहां के निवासियों को कुछ खास राहत नहीं पहुंची है क्योंकि पानी की पाइपें अभी भी जमी हुई हैं और कई जगहों में तो ये पाइपें फट गई हैं, जिससे पीने के पानी की समस्या दिखने लगी है। यहां चिलाई कलां 31 जनवरी को खत्म होगी। यह हाड़ कंपाने वाली ठंड की एक स्थिति है, जिसकी अवधि 40 दिनों तक की होती है। यहां के स्थानीय लोग इसे इसी नाम से पुकारते हैं।

श्रीनगर, 21 जनवरी । मौसम विभाग ने कश्मीर घाटी और लद्दाख में 22 जनवरी से फिर से हिमपात होने का अनुमान लगाया है। लेकिन इससे पहले यहां बुधवार को न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे चला गया है।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 22 की रात से 24 तक मध्यम तीव्रता के साथ पश्चिमी विक्षोभ के जम्मू और कश्मीर व लद्दाख को प्रभावित किए जाने की संभावना जताई जा रही है, जिसकी अधिक सक्रियता 23/24 जनवरी को बनी रहेगी।
उन्होंने आगे कहा, इससे जम्मू के पहाड़ी इलाकों, कश्मीर के मैदानी इलाकों में व्यापक रूप से मध्यम बर्फबारी होगी। इसके साथ ही लद्दाख के भी कुछ अलग-अलग हिस्सों में हल्की बर्फबारी होगी व जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश होगी। इसके चलते सड़क व हवाई मार्ग से यातायात अस्थायी रूप से बाधित होंगी।

घाटी में कड़ाके की ठंड अभी भी जारी है, हालांकि न्यूनतम तापमान में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन इससे यहां के निवासियों को कुछ खास राहत नहीं पहुंची है क्योंकि पानी की पाइपें अभी भी जमी हुई हैं और कई जगहों में तो ये पाइपें फट गई हैं, जिससे पीने के पानी की समस्या दिखने लगी है।

यहां चिलाई कलां 31 जनवरी को खत्म होगी। यह हाड़ कंपाने वाली ठंड की एक स्थिति है, जिसकी अवधि 40 दिनों तक की होती है। यहां के स्थानीय लोग इसे इसी नाम से पुकारते हैं।

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