10 नवंबर 2022 | जम्मू कश्मीर: आतंकी साजिश से मुक्त पुलिस कांस्टेबल पर दोबारा चलेगा मुकदमा, हाईकोर्ट ने दिया आदेश
सार
पुलिस कांस्टेबल को आतंकी वारदात में शामिल होने के आरोपों से मुक्त करने वाले आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। एनआईए अदालत ने किश्तवाड़ के रहने वाले पुलिसकर्मी जफर हुसैन को मामले से मुक्त कर दिया था।
विस्तार
पुलिस कांस्टेबल को आतंकी वारदात में शामिल होने के आरोपों से मुक्त करने वाले आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। एनआईए अदालत ने किश्तवाड़ के रहने वाले पुलिसकर्मी जफर हुसैन को मामले से मुक्त कर दिया था। साथ ही एनआईए पर कानून के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
न्यायाधीश संजीव कुमार और राजेश सेखरी की खंडपीठ ने बुधवार को मामले पर सुनवाई की। 2019 में एनआईए के तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने जफर हुसैन को दर्ज मामले से मुक्त कर दिया था। इस आदेश को एनआईए ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
बता दें कि 2019 को 8 मार्च के दिन कुछ लोगों ने किश्तवाड़ के एडीसी की सुरक्षा में तैनात हेड कांस्टेबल दलीप कुमार की बैरक में घुसकर एके 47 छीन ली थी। बाद में पता चला कि यह करतूत आतंकियों की है। यह मामला बाद में एनआईए को ट्रांसफर हो गया था।
जब एनआईए ने मामले की जांच की तो 6 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र तय किया गया। इसमें पुलिस कर्मी जफर हुसैन का नाम भी शामिल था। हाईकोर्ट ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद पाया कि हेड कांस्टेबल दलीप की गन छीनने के बाद आतंकी पुलिस कांस्टेबल जफर की कार लेकर फरार हो गए थे, जिसकी जफर को जानकारी थी।
उसे इसके बारे तत्काल उच्च अधिकारियों को बताना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उल्टा पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने बताया कि आतंकी कार की चाबी छीनकर भागे हैं, जबकि उसने चाबी खुद दी थी।
उक्त दलीलों के साथ हाईकोर्ट ने कांस्टेबल के खिलाफ फिर से मुकदमा चलाने का आदेश दिया और उसे आरोपों से मुक्त करने के आदेश को रद्द कर दिया।