28-जुलाई-2021 | जम्मू-कश्मीर में राजोरी जिले के कंडी चिकित्सा ब्लॉक के अंतर्गत दूरदराज के पिछड़े इलाकों में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य कर्मी जान का जोखिम उठाकर काम कर रहे हैं। उन्हें टीकाकरण के लिए ऐसे स्थानों पर भी जाना पड़ रहा है, जहां पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ते तक नहीं हैं। वे इस बरसात के मौसम में नदी, नालों और पहाड़ों से गुजरकर सौ प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य पाने के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं कर रहे। इतना करने के बाद भी जागरूकता के अभाव में उन्हें कुछ लोगों का सहयोग नहीं मिलता। कंडी चिकित्सा ब्लॉक के कई ऐसे दूरदराज गांव हैं जहां सड़क नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों को ऐसे गांवों में पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती है। कंडी के बीएमओ डॉ. इकबाल मलिक के अनुसार, बरसात शुरू हो चुकी है। ऐसे में दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को जान हथेली पर लेकर जाना पड़ रहा है।
दूरदराज के गांवों तक जाने के लिए रास्ते में कई नाले हैं। बरसात के दिनों में इन नालों में जलस्तर बढ़ जाता है। इस समय नाले के बीच से गुजरना जान लेवा साबित हो सकता है।
डॉ. इकबाल ने कहा कि इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीनेशन के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना नदी-नाले पार कर रहे हैं, और लोगों को कोरोना जैसी घातक महमारी से बचा रहे हैं। कंडी ब्लॉक के फ्रंटलाइन वर्कर लोगों को जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
कई स्थानों पर लोग नहीं करते सहयोग
वैक्सीनेशन के लिए जहां एक तरफ स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर दूरदराज इलाकों में लोग वैक्सीनेशन के लिए सामने भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है।
कंडी चिकित्सा ब्लॉक के कुछ गांवों में वैक्सीनेशन करने गए कर्मियों के साथ गाली-गलौज और मारपीट के मामले भी सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मी अपनी ड्यूटी में कोई कोताही नहीं बरत रहे।
Source;-“अमर उजाला”