दो ‘ जयसिंह ‘ के रहते मरवाही में निष्पक्ष चुनाव असंभव- अमित इतिहास में पहली बार निर्वाचन आयोग का पर्यवेक्षक मान्यता प्राप्त दल को चुनाव प्रचार में भाग लेने से रोक रहे हैं- अमित। ‘न्याय यात्रा ‘ को ‘ संगठित अपराध ‘ कह के श्री ‘जय सिंह’ मुख्यमंत्री की भाषा बोल रहे हैं- अमित यदि श्री जयसिंह को जनता कांग्रेस( जे) के प्रचार पर प्रतिबंध लगाना है तो बाकी दलों पर क्यों नहीं ?- अमित पत्र: प्रति मुख्य चुनाव आयुक्त( सी ई सी)। निर्वाचन भवन। अशोक रोड नई दिल्ली। विषय÷ चुनाव पर्यवेक्षक श्री जय सिंह का संदिग्ध और कानून के प्रावधानों के विपरीत आचरण। माननीय महोदय,। आपके द्वारा नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षक श्री जयसिंह (I A S- 2007-BH) का आचरण ना केवल संदिग्ध है बल्कि संविधान और कानून के समस्त प्रावधानों के विपरीत भी हैं उनके सीधे निर्देशों पर इतिहास में पहली बार निर्वाचन आयोग द्वारा जनप्रतिनिधि अधिनियम के अंतर्गत मान्यता प्राप्त दल को चुनाव प्रचार में भाग लेने से मात्र इस कारण से रोका जा रहा है कि उसके प्रत्याशियों का नामांकन बंद कमरे में, बिना सुनवाई का अवसर दिए, रद्द कर दिया गया। भारत के संविधान और कानून में कहीं पर भी ऐसा नहीं लिखा है कि राजनीतिक दलों का प्रचार करने के लिए उसके प्रत्याशियों का होना अनिवार्य है। किंतु श्री जय सिंह के द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के सभी प्रावधानों की धज्जियां उड़ाते हुए मेरी पार्टी के नेताओं और विधायकों को यह कहा गया कि मरवाही चुनाव में आपके दल के द्वारा किया जा रहा प्रचार (‘न्याय यात्रा’) एक ‘संगठित अपराध’ की श्रेणी में आता है! इससे स्पष्ट है कि या तो चुनाव पर्यवेक्षक श्री जय सिंह को उपरोक्त अधिनियम, निर्वाचन संबंधित नियमों और संविधान के सिद्धांतों की जानकारी नहीं है या फिर वे सीधे-सीधे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की कांग्रेस की राज्य सरकार के प्रभाव में मग्न होकर उन्ही की भाषा बोल रहे हैं। मरवाही के मतदाताओं की नजर में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री और कांग्रेस के चुनाव प्रभारी श्री जयसिंह अग्रवाल और निर्वाचन आयुक्त द्वारा नियुक्त चुनाव पर्यवेक्षक श्री जय सिंह के बीच अब कोई भी अंतर नहीं दिख रहा है। इसका सबसे ताजा प्रमाण मरवाही विधानसभा में हो रहे उपचुनाव में उनके इशारे पर मेरी मां और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की एकमात्र विधायक डॉक्टर (श्रीमती) रेणु जोगी जी, जो स्वयं एक डॉक्टर हैं , को कोरोना के बहाने अपने ही क्षेत्र की जनता से मिलने से रोकने का आदेश है। क्या श्री जय सिंह को यह लगता है कि मरवाही में प्रदेश के कोने-कोने से पधारे हजारों कांग्रेसी कोरोना का वैक्सीन लगा कर आए हैं कि केवल मेरे दल के द्वारा क्षेत्रवासियों के मिलने मात्र से ही कोरोना फैलेगा ? यदि श्री जय सिंह को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे )के प्रचार पर प्रतिबंध लगाना है तो बाकी दलों पर क्यों नहीं? आपसे विनम्र आग्रह है कि इस अत्यंत गंभीर मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए श्री जय सिंह को उचित निर्देश देने की कृपा करें। उनके यहां रहते मरवाही में निष्पक्ष चुनाव कराना असंभव हो चुका है। धन्यवाद, भवदीय अमित अजीत जोगी प्रदेश अध्यक्ष जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे )।
प्रिया धुर्वे