• April 19, 2024 9:12 am

Jind Farmers- धान की फसल का बीमा कराने के बावजूद भी किसानों को नहीं मिला क्लेम, जानिए वजह

09  नवम्बर 2021 | धान की फसल का बीमा कराने वाले किसान असमंजस में हैं। सितंबर में हुई तेज बारिश की वजह से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। जिसमें धान की फसल भी शामिल है। लेकिन जलभराव से खराब हुई धान की फसल का फसल बीमा योजना के तहत क्लेम के लिए किसानों की एप्लीकेशन स्वीकार नहीं की गई। किसानों का कहना है कि बीमा कराने की वजह से सरकार की तरफ से भी उन्हें धान की फसल में हुए खराबे का नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाएगा।

हजारों एकड़ धान की फसल हुई थी खराब

जींद जिले के पौली, हथवाला, किलाजफरगढ़, शामलो कलां, गतौली, ढिगाना, खरैटी समेत काफी गांव में हजारों एकड़ धान की फसल जलभराव के कारण खराब हो गई। बीमा कंपनी की तरफ से पहले ही स्पष्ट गाइडलाइन दी गई है कि किसान धान की फसल में जलभराव से हुए नुकसान के लिए क्लेम नहीं कर सकते हैं। जिसके तहत चलते धान में जलभराव से हुए नुकसान की एप्लीकेशन भी फसल बीमा कंपनी की तरफ से स्वीकार नहीं की गई किसानों का कहना है कि जब जलभराव से हुए नुकसान का क्लेम नहीं दिया जाना है तो उनकी फसलों का बीमा भी कंपनी को नहीं करना चाहिए था।

औसत पैदावार पर निर्भर 

कृषि विभाग और बीमा कंपनी की तरफ से प्रत्येक गांव में सर्वे कर आकलन किया जाता है और औसतन पैदावार निकाली जाती है। जिसमें पिछले सालों में औसतन पैदावार के साथ तुलना की जाती है। अगर उसमें गांव में औसतन पैदावार धान की कम रहती है तो बीमा कंपनी द्वारा उस गांवों के किसानों को बीमा दिया जाएगा। अगर गांव में औसतन पैदावार ठीक रहती है तो फसल में नुकसान होने के बावजूद किसान बीमा कंपनी की तरफ से मिलने वाले मुआवजे से वंचित रह जाएंगे। बीमा कंपनी की इस पॉलिसी से किसानों में निराशा है किसान संगठन भी लंबे समय से फसल बीमा योजना में सुधार की मांग करते रहे हैं।

क्लेम पाने से वचिंत रह जाते है किसान

फसल बीमा योजना में काफी चीजें ऐसी हैं जिस के फेर में उलझ कर किसान फसल में नुकसान होने के बावजूद क्लेम पाने से वंचित रह जाते हैं। इस तरह के काफी मामले डीसी के पास भी आते हैं। 20 जिले में खरीफ फसल के सीजन में बरसात से हुए नुकसान केक क्लेम के लिए 7000 से ज्यादा किसानों की एप्लीकेशन आई है। बीमा कंपनी द्वारा उन एप्लीकेशन के आधार पर सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उसके बाद नुकसान के हिसाब से बीमा राशि दी जाएगी।

Source :- “जागरण”

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