खाटू श्याम अर्थात मां सैव्यम पराजित: अर्थात जो हारे हुए और निराश लोगों को संबल प्रदान करता है। भगवान श्रीश्याम बाबा को जन्मदिन हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है। लेकिन खाटू बाबा का इससे भी खास दिन होता है, जो फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को आता है। इस दिन बर्बरीक भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर स्नान करके पूजा की और अपने हाथ से अपना शीश काटकर श्रीकृष्ण को दान कर दिया। इसी दिन की याद में इसी दिन की तिथि को यहां मेले का आयोजन होता आ रहा है। अंग्रेंजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह मेला 4 मार्च को आयोजित किया जा रहा है। हर साल इस मेले में 30 से 40 लाख लोग आते ही हैं।

कहां खाटू श्याम मंदिर

राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार खाटू श्यामजी का मंदिर हैं। यहां दुनियाभर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। खाटू श्याम बाबा के सबसे ज्यादा भक्त, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश में हैं। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन वर्तमान मं‍दिर की आधारशिला सन 1720 में रखी गई थी। इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा के मुताबिक सन 1679 में औरंगजेब की सेना ने इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। मंदिर की रक्षा के लिए उस समय अनेक राजपूतों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया था।

कैसे पहुंचें खाटू श्याम

बाबा श्याम के दर्शन को खाटूधाम आने के सड़क, रेल और वायु मार्ग है। जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट से देश सहित विदेशों की उड़ाने हैं। जहां से 100 किमी दूरी से टेक्सी के जरिए आया जा सकता है। वहीं, जयपुर, रींगस और सीकर रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। दिल्ली से सड़क मार्ग से गुडग़ाव, कोटपूतली, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर से रींगस होते हुए बस व कार से खाटू आया जा सकता है। बाबा के दर्शनों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। यदि आप अपने निजी वाहन से यात्रा करके यहां पहुंच रहे हैं तो तोरण द्वार के पास पार्किंग की व्यवस्था है। बाबा श्याम के दरबार में किसी भी प्रकार की वीआईपी व्य‍वस्था नहीं है।