2 अगस्त 2022 प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में कृष्ण कुंज का निर्माण होना है। इसके लिए राज्य शासन ने मनरेगा के अलावा जिला खनिज न्यास और सीएसआर फंड के उपयोग की अनुमति दे दी है। शासन के निर्देश पर गौर करें तो निकाय क्षेत्रों में इन्हीं में से किसी एक फंड का उपयोग कर कृष्ण कुुंज का निर्माण करना है। नगरीय प्रशासन विभाग के अलावा जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी दी गई है। तीनों विभाग के अधिकारी आपस में सामंजस्य बैठाकर निर्माण कार्य को गति देंगे।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेशभर के कलेक्टरों को वन मंडाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि वन मंडलाधिकारी द्वारा कृष्ण कुंज के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इसी प्रस्ताव के आधार पर कृष्ण कुंज के लिए स्थानीय मद से राशि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी कलेक्टरों की होगी। फंड के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। इससे फंड जुटाने में आसानी होगी और निर्माण कार्य तेज गति से हो सकेगा।
नगरीय प्रशासन विभाग ने कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए मुख्य द्वार से अलग छोटे द्वार की अलग-अलग डिजाइन तैयार कराने,आकर्षक लोगो लगाने व कुंज के चारों तरफ फेंसिंग के लिए एंगल आयरन के अलावा आकर्षक खंभे व जालीदार तार लगाने का निर्देश जारी किया है। कृष्णकुंज का निमा्रण हर हाल में अगस्त के पहले पखवाड़े तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है। जन्माष्टमी तक कृष्ण कुंज में पौधारोपण का कार्य पूरा कराना है। ताकि कुंज में पूरी तरह हरियाली बिछी रहे।
प्रदेशभर में एक साथ होगा कुंज का लोकार्पण
राज्य शासन की योजना है कि प्रदेशभर में कृष्ण कुंज का लोकार्पण एकसाथ किया जाए। इससे एकस्र्पता बनी रहेगी। इसके लिए कलेक्टर व वन मंडलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। कुंज परिसर में फलदार के साथ ही औषधीय पौधों का रोपण करने का निर्देश जारी किया गया है। आक्सीजन उत्सर्जन वाले पौधों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
” Source;-“नईदुनिया”