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लाखों का कारोबार फिर भी कुचायकोट बाजार में सुविधाओं का अकाल

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Feb 10, 2021
लाखों का कारोबार, फिर भी कुचायकोट बाजार में सुविधाओं का अकाल गोपालगंज : व्यापार के आधुनिक तौर-तरीके और मॉल संस्कृति के बीच ग्रामीण इलाकों में लगने वाले हाट बाजार अपनी पहचान बनाए हुए हैं। ऐसा ही एक बाजार कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय में पाठक मार्केट के पास पिछले चार दशकों से अधिक समय से लगता आ रहा हैं। इस बाजार में चार दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण ताजी हरी सब्जियां खरीदने आते हैं और सौ से अधिक व्यवसायी इस बाजार से अपना व्यवसाय करते हैं। सुबह होते होते यहां बाहर से सब्जियां लेकर वाहन पहुंचने लगते हैं। सब्जियों का रेट खुलने के साथ ही यहां चहल-पहल बढ़ जाती है। लेकिन लाखों का कारोबार होने के बाद भी कुचायकोट बाजार में सुविधाओं का अकाल है। मंगलवार की सुबह 7.30 बजे है । कुचायकोट बाजार के प्रमुख होलसेल व्यवसाई ओमप्रकाश प्रसाद की दुकान पर गोभी और मटर की पिकअप आकर लगती है । दो दर्जन से अधिक व्यवसायी इसकी खरीद के लिए बोली लगाते हैं। जैसे ही मोलभाव के बाद रेट फाइनल होता है, व्यवसायी पिकअप और ट्रक से उतरी जा रही सब्जियों की खरीदारी में लग जाते हैं तभी बगल में स्थित व्यवसाई की दुकान पर प्याज लदा ट्रक पहुंचता है। ट्रक पहुंचने के साथ ही खरीदारों की भीड़ बढ़ जाती है । बाजार में लगभग 11.00 बजे तक होलसेल का व्यवसाय होता है। जिसके बाद खुदरा दुकानदार फल और सब्जी की अपनी दुकानें सजा लेते हैं। रात नौ बजे तक यह सब्जी मंडी खुली रहती है। सब्जी का व्यवसाय करने वाले जयप्रकाश बताते हैं कि इस बाजार से प्रतिदिन लाखों का व्यवसाय सब्जी और फलों का होता है। इस व्यवसाय की बदौलत टैक्स के रूप में सरकार काफी राजस्व मिलता है। लेकिन इस महत्वपूर्ण बाजार के व्यवसायियों की सुविधा के लिए कुछ भी नहीं किया गया ह। व्यवसायी अब भी बिना किसी आधारभूत सुविधा के अपना व्यवसाय कर रहे हैं। नतीजतन कई बार पुलिस पदाधिकारियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों की डांट सुननी पड़ती है। इस बाजार के व्यवसायियों के लिए न तो पेयजल की सुविधा है और ना ही शौचालय की। अंधेरा होने पर व्यवसाई अपनी- अपनी दुकानों पर अपने संसाधनों से प्रकाश की व्यवस्था कर अपना व्यवसाय करते हैं। बाजार से आसपास के किसानों को हो रहा लाभ ताजी हरी सब्जियों के लिए अपनी विशेष पहचान बनाने वाले कुचायकोट बाजार में बाहर के साथ ही आसपास के गांवों के किसान भी अपनी सब्जियां बेचने आते हैं। बाजार से आसपास के गांवों के किसानों को लाभ हो रहा है। पहाड़पुर गांव से सब्जी बेचने आए रामप्रीत भगत का कहना था कि बाजार की बदौलत उन्हें अपनी उपज का ठीक-ठाक भाव मिल जाता है और सब्जियां आसानी से बिक भी जाती हैं। इन्होंने बताया कि वे अपने खेतों में गोभी, मटर , मिर्चा, बैगन, लौकी आदि सब्जियां लगाए हैं। इन सब्जियों को बेचने के लिए कुचायकोट बाजार स्थित सब्जी मंडी में ले आते हैं। इनके जैसे तमाम किसान यहां अपनी सब्जियों को या तो सीधे ग्राहकों को बेचते हैं या होलसेल दुकानदारों को बेच देते हैं। बाजार के चलते किसानों को उपज की अच्छी कीमत मिल जाता है।

गोपालगंज :– व्यापार के आधुनिक तौर-तरीके और मॉल संस्कृति के बीच ग्रामीण इलाकों में लगने वाले हाट बाजार अपनी पहचान बनाए हुए हैं। ऐसा ही एक बाजार कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय में पाठक मार्केट के पास पिछले चार दशकों से अधिक समय से लगता आ रहा हैं। इस बाजार में चार दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण ताजी हरी सब्जियां खरीदने आते हैं और सौ से अधिक व्यवसायी इस बाजार से अपना व्यवसाय करते हैं। सुबह होते होते यहां बाहर से सब्जियां लेकर वाहन पहुंचने लगते हैं। सब्जियों का रेट खुलने के साथ ही यहां चहल-पहल बढ़ जाती है। लेकिन लाखों का कारोबार होने के बाद भी कुचायकोट बाजार में सुविधाओं का अकाल है।

मंगलवार की सुबह 7.30 बजे है । कुचायकोट बाजार के प्रमुख होलसेल व्यवसाई ओमप्रकाश प्रसाद की दुकान पर गोभी और मटर की पिकअप आकर लगती है । दो दर्जन से अधिक व्यवसायी इसकी खरीद के लिए बोली लगाते हैं। जैसे ही मोलभाव के बाद रेट फाइनल होता है, व्यवसायी पिकअप और ट्रक से उतरी जा रही सब्जियों की खरीदारी में लग जाते हैं तभी बगल में स्थित व्यवसाई की दुकान पर प्याज लदा ट्रक पहुंचता है। ट्रक पहुंचने के साथ ही खरीदारों की भीड़ बढ़ जाती है । बाजार में लगभग 11.00 बजे तक होलसेल का व्यवसाय होता है। जिसके बाद खुदरा दुकानदार फल और सब्जी की अपनी दुकानें सजा लेते हैं। रात नौ बजे तक यह सब्जी मंडी खुली रहती है। सब्जी का व्यवसाय करने वाले जयप्रकाश बताते हैं कि इस बाजार से प्रतिदिन लाखों का व्यवसाय सब्जी और फलों का होता है। इस व्यवसाय की बदौलत टैक्स के रूप में सरकार काफी राजस्व मिलता है। लेकिन इस महत्वपूर्ण बाजार के व्यवसायियों की सुविधा के लिए कुछ भी नहीं किया गया ह। व्यवसायी अब भी बिना किसी आधारभूत सुविधा के अपना व्यवसाय कर रहे हैं। नतीजतन कई बार पुलिस पदाधिकारियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों की डांट सुननी पड़ती है। इस बाजार के व्यवसायियों के लिए न तो पेयजल की सुविधा है और ना ही शौचालय की। अंधेरा होने पर व्यवसाई अपनी- अपनी दुकानों पर अपने संसाधनों से प्रकाश की व्यवस्था कर अपना व्यवसाय करते हैं।

बाजार से आसपास के किसानों को हो रहा लाभ
ताजी हरी सब्जियों के लिए अपनी विशेष पहचान बनाने वाले कुचायकोट बाजार में बाहर के साथ ही आसपास के गांवों के किसान भी अपनी सब्जियां बेचने आते हैं। बाजार से आसपास के गांवों के किसानों को लाभ हो रहा है। पहाड़पुर गांव से सब्जी बेचने आए रामप्रीत भगत का कहना था कि बाजार की बदौलत उन्हें अपनी उपज का ठीक-ठाक भाव मिल जाता है और सब्जियां आसानी से बिक भी जाती हैं। इन्होंने बताया कि वे अपने खेतों में गोभी, मटर , मिर्चा, बैगन, लौकी आदि सब्जियां लगाए हैं। इन सब्जियों को बेचने के लिए कुचायकोट बाजार स्थित सब्जी मंडी में ले आते हैं। इनके जैसे तमाम किसान यहां अपनी सब्जियों को या तो सीधे ग्राहकों को बेचते हैं या होलसेल दुकानदारों को बेच देते हैं। बाजार के चलते किसानों को उपज की अच्छी कीमत मिल जाता है।

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