09 फ़रवरी 2023 | SSLV-D2: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को एक और उपलब्धि हासिल कर ली। छोटे रॉकेट, लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) से शुक्रवार को तीन उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
पिछले साल नहीं मिली थी कामयाबी
इससे पहले एसएसएलवी-डी2 (डी-डेवलपमेंटल फ्लाइट नंबर 2) के प्रक्षेपण के लिए साढ़े छह घंटे की उल्टी गिनती शुक्रवार तड़के 2.48 बजे शुरू हुई। पिछले साल सात अगस्त को एसएसएलवी के पहले मिशन में सही कक्षा में उपग्रह स्थापित नहीं हो सके थे, क्योंकि आखिरी चरण में खामी आ गई थी।
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उपग्रहों का प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा राकेट पोर्ट के पहले लांचपैड से सुबह 9.18 बजे किया गया। एसएसएलवी-डी2 से जिन तीन उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया, उनमें इसरो का एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-07 (ईओएस-07), अमेरिका का जानस -1 उपग्रह और स्पेस किड्ज इंडिया का आजादीसैट-2 शामिल हैं।
लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी)
तीन चरणों वाला एसएसएलवी मुख्य रूप से ठोस ईंधन द्वारा संचालित है। भविष्य में लघु उपग्रहों की बड़ी संख्या में लांचिग के बाजार को देखते हुए इसे तैयार किया गया है। यह कम लागत में मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रहों को 500 किलोमीटर तक की कक्षा में स्थापित करने में सक्षम है। लगभग 56 करोड़ रुपये की लागत वाला एसएसएलवी राकेट 34 मीटर लंबा है। इसका वजन 120 टन है।
सोर्स :-“नईदुनिया”