पलवल। लोगों को पौष्टिक खाना देना ही अन्नदाता की पहचान है। यह कहना है औरंगाबाद गांव के किसान सम्राट सिंह चौहान का जिसने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की विदेश की नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक खेती को न केवल अपनाया है बल्कि 15 और दूसरे किसानों को ऑर्गेनिक खेती से जोड़कर उनकी पहले से 2 गुना आमदनी करके खुशहाल बनाने का काम किया है।
पलवल के निकटवर्ती गांव औरंगाबाद निवासी सम्राट सिंह चौहान ने 3 साल पहले बहुराष्ट्रीय कंपनी की विदेश की नौकरी छोड़ कर अपनी 22 एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक खेती प्रारंभ की थी। सम्राट सिंह ने बताया कि उसने जब अपनी नौकरी छोड़कर जैविक खेती को अपनाने का फैसला किया था तब गांव के तमाम लोग उस पर हंसते थे। पहले साल उसे खास मुनाफा नहीं हुआ लेकिन अपने सभी खर्चे पूरे कर लिए थे। दूसरे साल पहले की तुलना में करीब 4 गुना लाभ उसने जैविक खेती से प्राप्त किया। दूसरे साल में उसने अपने खेत में उगाई हुई सब्जियों और फलों को लोगों को घरों पर जाकर सप्लाई देने का काम शुरू कर दिया। इसके लिए उसने 20 युवाओं को रोजगार देते हुए नोएडा ग्रेटर नोएडा गुड़गांव फरीदाबाद आदि बड़े शहरों में पौष्टिक फल सब्जियां पहुंचाने का काम किया।
सम्राट सिंह के साथ आप आसपास के कई गांवों के 15 किसान जोड़कर ऑर्गेनिक खेती करके पहले की पारंपरिक खेती की तुलना में अब 2 गुना लाभ प्राप्त करके खुशहाल जीवन जी रहे। क्योंकि ये सभी जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग कर रहे हैं। सम्राट सिंह चौहान अपने 22 एकड़ में पैदा की जा रही तमाम उपज के साथ साथ 15 किसानों से मिलने वाली उपज को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।और विदेश नौकरी की तुलना में कई गुना लाभ प्राप्ति के बाद सन्तुष्टि के साथ जैविक खेती के कारोबार को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।