भोपाल। मानसून की बेरुखी अब अखरने लगी है। प्रदेश में बारिश का ग्राफ सामान्य से छह फीसद नीचे पहुंच गया है। प्रदेश के 15 जिलों में सामान्य से काफी कम वर्षा दर्ज की गई है। 15 जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम होने के कारण फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में कोई मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। इस वजह से 4-5 दिन अच्छी बरसात की संभावना नहीं है। हालांकि वातावरण में मौजूद नमी के कारण तापमान बढ़ने पर स्थानीय स्तर पर छिटपुट बौछारें पड़ती रहेंगी। इसी क्रम में रविवार को सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक सागर में 18, शाजापुर में 6, खरगोन में 5, रतलाम में 2, इंदौर में 0.2 मिमी बरसात हुई।
फिर द्रोणिका हिमालय में लौट गई
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को मानसून द्रोणिका हिमालय की तराई से वापस खिसककर मध्य प्रदेश में आ गई थी, लेकिन रविवार को वह फिर हिमालय की तराई की तरफ खिसक गई है। प्रदेश और आसपास कोई मानसूनी सिस्टम नहीं है।
इस वजह से अभी 4-5 दिन तक अच्छी बरसात के आसार नहीं हैं। आंध्र तट पर 31 जुलाई को एक ऊपरी हवा का चक्रवात बनने के संकेत मिले हैं। इस सिस्टम के कम दबाव का क्षेत्र बनकर आगे बढ़ने पर अगस्त की शुरुआत में अच्छी बरसात की उम्मीद की जा रही है। शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक द्रोणिका अरब सागर से गुजरात होकर राजस्थान तक जा रही है। इस वजह से प्रदेश में कुछ नमी आ रही है। तापमान में इजाफा होने पर कहीं-कहीं स्थानीय स्तर पर बौछारें पड़ जाती हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में रविवार सुबह 8.30 बजे तक सीजन की कुल 354.5 मिमी बरसात हुई है, जो सामान्य (378.2 मिमी) से छह फीसद कम है। प्रदेश के आलीराजपुर, धार, मंदसोर, श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, होशंगाबाद और बालाघाट में सामान्य से काफी कम बरसात हुई है। इससे किसान चिंतित हैं। उन्हें खरीफ की फसल चौपट होने का खतरा सताने लगा है।