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भारत-मालदीव के रिश्तों में आई मजबूती, PM मोदी की रणनीति से चीन को मात

ByPrompt Times

Oct 2, 2020
भारत-मालदीव के रिश्तों में आई मजबूती, PM मोदी की रणनीति से चीन को मात

भारत-मालदीव (India-Maldives)के रिश्तों में फिर से गर्माहट लौटती नजर आ रही है. भारत ने कोरोना (Corona Virus) महामारी से निपटने के लिए मालदीव (Maldives) को 250 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की है. मालदीव के वित्त मंत्री अब्दुल्ला शाहिद (FM Abdulla Shahid) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान इसके लिए भारत को धन्यवाद दिया है.

दो साल पहले तक दोनों देशों के रिश्तों काफी नाजुक दौर में थे. मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन (Abdulla Yameen) को चीन (China) का करीबी माना जाता था. 5 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं के खिलाफ आपराधिक आरोपों को खारिज करने के बाद यामीन ने एक तरह से आपातकाल लगा दिया था. विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई, उन्हें जेल भेजा गया. यामीन नहीं चाहते थे कि उनका और चीन का विरोध करने वाला कोई भी नेता देश की सत्ता संभाले, इसलिए वह हर आवाज को दबाते गए.

यह दौर था सबसे बुरा
अगले 10 महीने मालदीव की जनता के लिए काफी बुरे गुजरे. विदेशनीति के लिहाज से भी कई बड़े बदलाव हुए. ‘इंडिया फर्स्ट’ पॉलिसी के बजाये चीन की मालदीव में दखलंदाजी बढ़ती गई. यामीन ने लगभग सभी क्षेत्रों में भारत को मालदीव से अलग करने का प्रयास किया. यामीन के कार्यकाल में मालदीव-भारत द्विपक्षीय संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. चीन ने मालदीव के निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में खुद को स्थापित करना शुरू कर दिया था. 

चीन से किया था व्यापार समझौते
अब्दुल्ला यामीन सरकार ने चीन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) किया था. पूर्व राष्ट्रपति का दावा था कि इससे मालदीव की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, लेकिन हुआ एकदम उलटा. समझौते के आलोचकों का कहना है कि चीन के भारी-भरकम निवेश के चलते मालदीव बुरी तरह से कर्ज में डूब गया है. मालदीव का किसी अन्य देश के मुक्त व्यापार समझौता नहीं है, इससे यामीन और चीन के रिश्तों की गहराई का अंदाजा हो जाता है.

सबसे बना ली थी दूरी
यामीन ने राष्ट्रमंडल देशों के साथ मालदीव के संबंध भी तोड़ दिए थे. इतना ही नहीं, मालदीप के प्रमुख सहयोगी रहे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूरोपीय संघ से भी उन्होंने दूरी बना ली थी. उनके कार्यकाल में मालदीवियन एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) में ड्रग की तस्करी के मामलों में भी बढ़ोत्तरी देखी गई. उन्होंने EEZ को अवैध गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए स्थापित संयुक्त प्रोटोकॉल को भी निलंबित कर दिया था.

2018 में हुआ बदलाव
2013 से 2018 तक चले यामीन के शासन में मालदीव में कट्टरपंथी ताकतों का उदय हुआ. देश में अराजकता चरम पर थी और वह चीन की तरफ लगातार झुकता जा रहा था, लेकिन 2018 में हुए चुनाव ने सबकुछ पलटकर रख दिया. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष इब्राहिम मोहम्मद सोहिल (Ibu Solih of the Maldivian Democratic Party) के नेतृत्व में मालदीव में नई सरकार बनी. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस बदलाव का गवाह बनने के लिए सोहिल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे. राष्ट्रपति की कुर्सी पर विराजमान होने के बाद सोहिल सबसे पहले भारत यात्रा पर आये थे. इस दौरान, भारत ने मालदीव के लिए $1.4 बिलियन के वित्तीय सहायता पैकेज की घोषणा की थी.

सीधी कनेक्टिविटी हुई संभव
पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की विदेश यात्राओं की शुरुआत मालदीव से ही की. यात्रा के दौरान, उन्होंने मालदीव की संसद को संबोधित किया और दोनों देशों से जुड़ी परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी. इसके अलावा, उन्होंने भारत और मालदीव को जोड़ने वाली फेरी सेवा की भी घोषणा की, जो पिछले महीने ही शुरू हो गई है. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया 380 TEU क्षमता वाले जहाज से इसका संचालन कर रही है. इस सेवा से भारत और मालदीव के बीच कार्गो की आवाजाही के लिए सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध हुई है, जो द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगी.

कई परियोजनाओं पर चल रहा काम
भारत मालदीव में कई तरह की परियोजनाओं को आकार देने में जुटा हुआ है. इसमें पर्यटन, सामुदायिक विकास, शिक्षा, हवाई अड्डे के विकास के साथ ही प्राचीन प्रवाल मस्जिद का नवीकरण भी शामिल है. नई दिल्ली 800 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत मालदीव में 7 प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. इसके अलावा भी कई प्रोजेक्ट अमल में लाये जा रहे हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल रणनीति और मालदीव के राष्ट्रपति का भारत के प्रति झुकाव दोनों देशों के रिश्तों को पुन: पटरी पर ले आया है.





















ZEE

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