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पर्यावरण को स्वच्छ रखने वाले निशुल्क सफाईकर्मियों को मध्य प्रदेश आया पसंद-दो साल में बढ़े 1011 गिद्ध

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Feb 8, 2021
पर्यावरण को स्वच्छ रखने वाले निशुल्क सफाईकर्मियों को मध्य प्रदेश आया पसंद-दो साल में बढ़े 1011 गिद्ध

भोपाल पर्यावरण को स्वच्छ रखने वाले गिद्धों को मध्य प्रदेश रास आने लगा है। बीते दो साल में इनके कुनबे में 1011 की बढ़ोतरी हुई है जो बीते पांच साल में सर्वाधिक है। प्रदेश में इनकी कुल संख्या 9408 हो गई है। ये जीवों व मवेशियों के सड़े-गले शव खाकर मनुष्यों को गंदगी व महामारी के खतरे से बचाते हैं। पर्यावरण संतुलन बनाने में मदद करते हैं। इन्हीं कारणों से इन्हें पर्यावरण का निशुल्क सफाईकर्मी कहा जाता है। प्रदेश में इनका कुनबा बढ़ने से आगे भी प्राकृतिक स्वच्छता में मदद मिलती रहेगी।

गिद्धों की गिनती दो चरणों में की गई
दरअसल, गिद्धों की गिनती दो चरणों में की गई। पहला चरण 21 से 30 नवंबर 2020 तक चला था। दूसरे और अंतिम चरण के तहत रविवार को गणना की गई, इसमें 9408 गिद्ध मिले हैं। इसके पहले वर्ष 2019 में हुई गणना में 8397 गिद्ध मिले थे। गिद्धों की गणना वन वृत्त, टाइगर रिजर्व व नेशनल पार्क में अलग-अलग की गई।

पशुओं को दी जाने वाली दवा ने घटाई गिद्धों की संख्या
विभिन्न शोधों में पता चला है कि वर्ष 1990 में गिद्धों की सर्वाधिक मौत हुई थी। पशुओं को दी जाने वाली दवा डाइक्लोफिनेक को इसका जिम्मेदार माना गया। यह दवा पशुओं के जोड़ों के दर्द को कम करती है। जब यह दवा खाने वाले पशु मरते हैं और उनका शव जो गिद्ध खाते हैं, उनकी मौत हो जाती है।

अधिक ऊंचाई से भी देख लेते हैं मृत मवेशी
गिद्ध ऊंची उड़ान भरकर इंसानी आबादी के नजदीक या जंगलों में मृत जीव, पशुओं व वन्यजीवों को खोज लेते हैं और उन्हें खाते हैं। ये समूह में रहते हैं। भारतीय गिद्ध का सिर गंजा होता है, उसके पंख बहुत चौड़े होते हैं। वजन 5.5 से 6.3 किलो तक होता है। लंबाई 80-103 सेमी. तथा पंख खोलने में 1.96 से 2.38 मीटर की चौड़ाई होती है।

मध्यप्रदेश में कब कितने गिद्ध मिले
साल गिद्धों की संख्या

2016 6900
2017 7000
2019 8397
2021 9408

ऐसे की जाती है गिनती
मध्य प्रदेश वन्यप्राणी विभाग के उप वन संरक्षक रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि पहले चरण के तहत 21 से 30 नवंबर 2020 तक गिनती की गई थी। इसमें 41 वन वृत्त में 1550 घोंसले चिह्नित किए थे। इन घोंसलों के आसपास 5,000 वनकर्मी तैनात किए थे। उन्होंने सूर्य निकलने के बाद गिनती शुरू की। घोंसलों में व उसके आसपास बैठे गिद्धों को ही गिना गया, उड़ते हुए गिद्धों को गणना में शामिल नहीं किया गया। फिलहाल गिद्धों की अनुमानित संख्या जारी की गई है। फरवरी माह के अंत में अंतिम आंकड़े जारी किए जाएंगे।

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