- स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सरकार कोरोना की स्थिति पर नजर रखे है। संभावित तीसरी लहर के चलते तैयारियां की जा रही हैं।
30-जुलाई-2021 | हिमाचल प्रदेश में तीन और मेक शिफ्ट अस्पताल बनेंगे। सरकार ने इन्हें जिला कांगड़ा के इंदौरा, नाहन और हमीरपुर में बनाने का फैसला लिया है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के चलते सरकार 109 और एंबुलेंस किराये पर लेगी। सरकार ने 15 अगस्त तक मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पताल के वार्डों को ऑक्सीजन पाइपलाइन से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने वीरवार को उपायुक्तों, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों और सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंस से ये निर्देश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक सप्ताह के भीतर ठीक कर भेजेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सरकार कोरोना की स्थिति पर नजर रखे है। संभावित तीसरी लहर के चलते तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने लोगों से संभावित तीसरी लहर से बचाव के दृष्टिगत सतर्क रहने को कहा है।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार के पास 600 वेंटिलेटर हैं। इनमें से 30 वेंटिलेटर खराब हैं। इन्हें ठीक करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया है। – अमिताभ अवस्थी, स्वास्थ्य सचिव
हिमाचल में अभी चार मेक शिफ्ट अस्पताल
हिमाचल प्रदेश के आईजीएमसी, जिला मंडी के नेरचौक, जिला कांगड़ा के धर्मशाला और नालागढ़ में मेक शिफ्ट अस्पताल हैं। इनमें दो सौ से ज्यादा बेड की व्यवस्था है। तीन और नए मेक शिफ्ट अस्पताल बनने से बिस्तरों की कमी नहीं रहेगी।
कोरोना के एक्टिव मामले एक हजार पार, 150 नए केस
हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी फिर बढ़ने लगी है। पहले प्रदेश में एक्टिव मामलों का आंकड़ा 800 से नीचे आ गया था, अब फिर 1000 के पार हो गया है। वीरवार को प्रदेश में 150 नए मामले दर्ज किए गए। एक्टिव मामलों की संख्या 1098 हो गई है। मामले बढ़ने से प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 3504 पहुंच गया है। बुधवार को प्रदेश में 73 लोगों ने कोरोना को मात दी है। जिला मंडी में सबसे ज्यादा 262 कोरोना एक्टिव मामले है। दूसरी नंबर पर जिला चंबा है। एक्टिव केस संख्या 236 हैं। अन्य जिलों का आंकड़ा दो सौ से नीचे है।
हाईकोर्ट ने उपायुक्तों से मांगा स्वास्थ्य सुविधाओं का ब्योरा
हाईकोर्ट ने जिला उपायुक्तों को आदेश दिए हैं कि वे अपने जिलों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का ब्योरा कोर्ट के समक्ष रखें। इसमें स्वास्थ्य केंद्रों, बिस्तरों की संख्या, स्वास्थ्य संस्थाओं की आधारभूत संरचना, डॉक्टरों और रिक्त पदों की संख्या, उपलब्ध पैरा मेडिकल, अन्य स्टाफ की संख्या और रिक्त पदों की संख्या का रिकॉर्ड शामिल है। मामले पर अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी। कोरोना से निपटने के लिए अपर्याप्त सुविधाओं को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष हो रही है।
Source;-“अमर उजाला”