कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर मंत्री शुभेंदु अधिकारी के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद उनके पार्टी छोड़ने के भी कयास लगाए जा रहे हैं जिसकी वजह से तृणमूल कांग्रेस संकट में आ सकता है। इसी हालात को भापकर अब खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कमान संभाल ली है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री चार दिसंबर को सभी जिलों के प्रमुख नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक करेंगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री सात दिसंबर को पश्चिम मेदिनीपुर में सभा करेंगी जहां पूर्व मेदिनीपुर के सभी प्रमुख नेताओं को बुलाया गया है। इसके बाद नौ दिसंबर को मुख्यमंत्री मतुआ समुदाय के गढ़ नदिया जिले के ठाकुरनगर में एक सभा को संबोधित करेंगी।
सात दिसंबर को मुख्यमंत्री पश्चिम मेदिनीपुर जाएंगी। खबर है कि वह पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर का दौरा करेंगी। हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने यह भी बताया है कि मुख्यमंत्री शुभेंदु अधिकारी के घर जाकर उनसे बात कर सकती हैं लेकिन इस बारे में अभी तक आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। दरअसल छह दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कोलकाता आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार शुभेंदु अधिकारी जेपी नड्डा से मुलाकात कर भाजपा की सदस्यता ले सकते हैं। अगर छह को वह नड्डा से मिल रहे हैं तब ममता बनर्जी उनके घर नहीं जाएंगी और अगर नहीं मिलेंगे तब सीएम शुभेंदु से मुलाकात कर सकती हैं। इसीलिए पूरे हालात पर सभी की नजर बनी हुई है।
- मतुआ पर ममता की नजर
मतुआ वोट बैंक पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर है। इस कड़ी में वह नौ दिसंबर को मतुआ समुदाय के गढ़ नदिया जिले के ठाकुर नगर में एक सभा को संबोधित करेंगी। बताते चलें कि खासकर नदिया तथा उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले की 70 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मतुआ समुदाय की जबरदस्त पकड़ है। यह समुदाय बांग्लादेश से पलायन करके आया था और वर्षों से यहां शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। बंगाल में मतुआ समुदाय के करीब 70 लाख शरणार्थी रहते हैं, जिन पर भाजपा व तृणमूल दोनों की नजर है।