रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के बाद अब जापानी इंसेफेलाइटिस के टीकाकरण का काम शुरू किया है। सुदूर नक्सल प्रभावित इलाकों में महिला मितानिन नाव से टीका लगाने पहुंच रही हैं। सरकार ने पांच जिले बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव और धमतरी में एक से 15 वर्ष के सभी बच्चों का टीकाकरण शुरू किया है। यह अभियान 18 दिसंबर तक चलेगा। धमतरी के अकलाडूंगरी के गांव किशनपुरी (कुल छह घर, आबादी 30) की मितानिन सत्यवती साहू स्वयं नाव चलाकर गांव के सभी बधाों को टीकाकरण के लिए ले कर आयीं। इस तस्वीर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डा. प्रियंका शुक्ला ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया। इंटरनेट मीडिया में तस्वीर आने के बाद साढ़े चार सौ लोगों ने लाइक किया है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इस अभियान से जापानी इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों को रोका जा सकेगा। पहले भी बस्तर जैसे क्षेत्रों में अभियान चलाकर और बच्चों का टीकाकरण कर इस बीमारी को नियंत्रित किया गया है। इस जानलेवा बीमारी के बारे में सभी नागरिकों और माता-पिता को जागरूक रहना चाहिए। इससे बचाव ही सबसे बेहतर रास्ता है। सरकार टीकाकरण के माध्यम से इस बीमारी को बच्चों तक पहुंचने से रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के मैदानी अमले की सराहना करते हुए कहा कि वे दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में लगातार पहुंचकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता में भी इन टीमों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्घता और सक्रियता से इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाकर जापानी इंसेफेलाइटिस से भी प्रदेश को मुक्त रखने में कामयाब होंगे।