27-जुलाई-2021 | राजस्थान में समय से पहले मानसून की एंट्री हुई तो उम्मीद की जा रही थी कि भारी बारिश से पिछले सालों का रिकॉर्ड टूटेगा। इसके विपरीत प्रदेश में अब तक बारिश 22 प्रतिशत कम चल रही है। ऐसे ही हालात रहे तो मानसून की रवानगी होने तक कम बारिश के पिछले 12 साल के रिकॉर्ड भी टूट जाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद मानसून को लेकर चिंतित हैं और हर जिले में हुई बारिश के आंकड़ों को लेकर गंभीर भी। सोमवार को हुई एक वर्चुअल मीटिंग में वो आला अधिकारी पर नाराज भी हुए। मुख्यमंत्री गहलोत ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार को जिलेवार बारिश की स्थिति नहीं बताने पर फटकार लगाई थी। सीएम को मानसून की स्थिति को अफसर नहीं बता पाए थे। भास्कर बता रहा अब तक कहां पर कितनी बारिश हुई है।
दरअसल, सरकार की ये गंभीरता जरूरी है, क्योंकि राज्य में मानसून बहुत अच्छे परिणाम नहीं दे रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में कई जिलों में अकाल जैसे हालात भी बन सकते हैं। मौसम विभाग के कार्यकारी निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 26 जुलाई तक राजस्थान में मानसून की 179 MM बारिश हो जाती है, लेकिन इस बार अब तक महज 139 MM बारिश हुई है। ऐसे में राजस्थान में -22 प्रतिशत बारिश हुई है। 22 प्रतिशत कम बारिश का आंकड़ा बहुत बड़ा है। पिछले सालों का रिकॉर्ड देखें तो मानसून की सामान्य बारिश से अधिक बारिश हुई है। गत 11 सालों में राजस्थान में सिर्फ एक बार वर्ष 2014 में सामान्य से छह प्रतिशत कम बारिश हुई है, जबकि शेष दस सालों में हमेशा अधिक बारिश हुई है।
आगे क्या उम्मीद ?
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में एक दो सिस्टम बन रहे हैं, जिससे बारिश बढ़ सकती है। खासतौर पर पूर्वी राजस्थान में बारिश हो सकती है। पश्चिमी राजस्थान में पहले दौर में अच्छी बारिश हो चुकी है, लेकिन दूसरे दौर में पूर्वी राजस्थान में बारिश होगी। जयपुर, भरतपुर, कोटा संभाग में बारिश की उम्मीद अभी है। जबकि बीकानेर व जोधपुर संभाग में फिलहाल कोई सिस्टम तैयार नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि आमतौर पर मानसून सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह तक ही राजस्थान में रहता है।
इन जिलों में कम हुई बारिश
जिला | कितनी बारिश हुई | कितनी कम है |
अजमेर | 82 mm | -151 mm |
टोंक | 87 mm | -168 mm |
जयपुर | 165 mm | -75.5 mm |
सीकर | 172 mm | -34.1 mm |
कोटा | 173 mm | -107 mm |
बूंदी | 189 mm | -88.5 mm |
चित्तौड़गढ़ | 179 mm | -88.2 mm |
उदयपुर (डबोक) | 162 mm | -66.5 mm |
बाडमेर | 79 mm | -21.5 mm |
जोधपुर | 44 mm | -82.9 mm |
माउंट आबू | 81 mm | -484 mm |
बीकानेर | 93 mm | -12.3 mm |
श्रीगंगानगर | 97 mm | -8.4 mm |
कम उत्पादन की आशंका
राज्य में कम बारिश से फसलों का उत्पादन कम होने की आशंका बन गई है। जुलाई के पहले सप्ताह तक हुई बारिश के अनुसार करीब सत्रह फीसदी कम बुवाई हुई थी। पिछले एक पखवाड़े में भी बारिश ज्यादा नहीं हुई, ऐसे में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद कम है। खासकर दाल और तिलहन के उत्पादों में कमी आ सकती है।
पिछले सालों में मानसून
वर्ष | कितनी बारिश हुई | औसत बारिश | कम या ज्यादा |
2010 | 539.5 mm | 419 mm | +28 % |
2011 | 590.4 mm | 419 mm | +41 % |
2012 | 464 mm | 419 mm | +11 % |
2013 | 527.2 mm | 419 mm | +26 |
2014 | 420.4 mm | 419 mm | 0% |
2015 | 457 mm | 419 mm | +9 |
2016 | 536 mm | 419 mm | +28 % |
2017 | 454.9 mm | 419 mm | +9 % |
2018 | 393.3 mm | 419 mm | -6 % |
2019 | 583.6 mm | 419 mm | +41% |
2020 | 449.8 mm | 419 mm | +8 % |
2021(अब तक) | 139 mm | 179 mm | -22 % |
Source;-“दैनिक भास्कर”