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70 एकड़ में फैले आईटी पार्क को तैयार करेगा मप्र हाउसिंग बोर्ड, अब शिक्षण संस्थानों को भी मिलेगी जगह

13 जून 2022 | प्रदेश के युवाओं काे इंजीनियरिंग करने के बाद जाॅब के लिए बाहर नहीं जाना पड़े इस मकसद से प्रदेशभर में आईटी पार्क की स्थापना की गई थी। ग्वालियर के आईटी पार्क में अभी तक कोई भी बड़ी कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जबकि इंदौर आईटी पार्क बड़ी कंपनियों की पहली पसंद बन गया है। इसी का परिणाम है कि अब इंदौर में तीसरा आईटी पार्क तैयार किया जा रहा है। वहीं ग्वालियर आईटी पार्क में कंपनियों को लाने के लिए अब नए सिरे से प्लानिंग की जा रही है।

इसके तहत 70 एकड़ में फैले इस पार्क में लेआउट डिजाइन करने की जिम्मेदारी अब एमपी हाउसिंग बोर्ड को सौंप दी है। बोर्ड इस पार्क में कंपनी के मुताबिक प्लॉटिंग करेगा। साथ ही रोड और लाइट की व्यवस्था करेगा। जिससे यहां बड़ी कंपनियां आएं। इस पार्क को इंदौर आईटी पार्क की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। जानिए प्लानिंग…

इंदौर इसलिए बी कैटेगरी में शामिल
आईटी पार्क को 3 कैटेगरी में बांटा गया है। ए कैटेगरी में अहमदाबाद, नागपुर और विशाखापट्नम है। वहीं बी कैटेगरी में इंदौर ने नागपुर, जयपुर बड़े शहरों को पीछे छोड़कर नंबर वन पर आया है। इंदौर में करीब 370 आईटी कंपनियां दो पार्क में काम कर रही हैं। अब इंदौर में तीसरा आईटी पार्क तैयार हो रहा है।

इंदौर और ग्वालियर में यह है अंतर

इंदौर

  • इंदौर में ऑफिस बिल्डिंग और घरों का किराया बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे से कम है।
  • रोज 44 उड़ानें और एक दर्जन शहर के लिए सीधी फ्लाइट हैं। दुबई के लिए सीधी उड़ान है।
  • बाहर से आने वाले इंडस्ट्रीज प्रोफेशनल क्वालिटी ऑफ लाइन को प्राथमिकता देते हैं।
  • बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में ऑफिस पहुंचने के लिए डेढ़ घंटे ट्रैवल करना पड़ता है।
  • उत्तर भारत के अधिकांश युवा बेंगलुरू और हैदराबाद इसलिए नहीं जाना चाहता क्योंकि वहां का खानपान मनमाफिक नहीं है। इंदौर में हर राज्य का खाना मिलता है।

ग्वालियर

  • आईटी पार्क के आसपास बड़े ऑफिस और बिल्डिंग नहीं हैं, जिस कारण कंपनियां
  • अभी शहर से 10 उड़ाने हैं। यह कुल 10 शहरों को जोड़ती हैं। विदेश के लिए सीधी उड़ान नहीं हैं। {बाहर से आने वाले इंडस्ट्रीज प्रोफेशनल क्वालिटी ऑफ लाइन को प्राथमिकता देते हैं। स्वच्छता में अभी इंदौर की तुलना में काफी पीछे हैं।
  • बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में ऑफिस पहुंचने के लिए रोजाना कनेक्टिवटी नहीं हैं।
  • खानपान के मामले में यहां नाइट बाजार का कंसेप्ट नहीं है। बाजार रात 10 बजे तक बंद हो जाते हैं।

बढ़ावा देने के लिए ऐसे होगी पहल
आईटी पार्क को नए सिरे से बसाने के लिए यहां खाली भूमि को शहर एजुकेशन इंस्टीट्यूट और कंपनियों को आवंटित की जाएगी। जिससे यह इंस्टीट्यूट अपने ऑफिस यहां तैयार करें। इससे इन शिक्षण संस्थान के सेंटर में आईटी स्टूडेंट्स प्रैक्टिस कर सकेंगे। 

सोर्स;- ‘’दैनिकभास्कर’’

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