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93 वर्ष की उम्र में कृषि को दे रहे नई दिशा

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Jan 4, 2021
93 वर्ष की उम्र में कृषि को दे रहे नई दिशा

मोतिहारी. कोटवा प्रखंड क्षेत्र के करारिया गांव इन दिनों नई और वैज्ञानिक तरीके से खेती को लेकर चर्चा के केंद्र में हैं। 93 वर्षीय सेवानिवृत इंजीनियर महावीर शर्मा खेती-किसानी को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। 1926 में एक सामान्य किसान परिवार में जन्मे महावीर शर्मा 1956 में रेलवे में इंजीनयर के पद पर नियुक्त हुए। 1988 में सेवानिवृति के बाद 24 वर्षों तक रेलवे निर्माण में लगी निजी निर्माण कंपनियों में भी अपनी सेवाएं दी। 2012 में नौकरी छोड़ गांव में रहने लगे। तब से अभी तक कृषि में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। उम्र के सवाल पर उन्होंने युवाओं जैसा उत्साह दिखाते हुए इस अंदाज में जवाब दिया, ””उम्र बढ़ना दस्तूर जहां है, महसूस ना करो तो उम्र बढ़ती कहां है। वे पारंपरिक खेती से इतर हाइब्रिड और नए प्रभेदों के सब्जी, फल व अनाज की खेती कर रहे हैं। इन दिनों नरेंद्र शिवानी प्रभेद की लौकी के उत्पादन को लेकर वे काफी उत्साहित हैं। इस लौकी की सामान्य लंबाई 6 फीट है। प्रयोग के तौर पर लगाये गए इस लौकी के इस प्रभेद के उत्पादन से आम किसानों में उत्साह जगा है और वे यहां पहुंचकर नई जानकारी का आदान प्रदान कर रहे हैं।

इनकी खेती में खास बात यह है कि वे प्राकृतिक और जैविक खेती को कर रहे है। इंजीनियर से किसान बने महावीर शर्मा ने काला गेंहूं ,गेंहूं के प्रभेद कुदरत 9, मक्के की प्रभेद पर्ल कॉर्न, पीएफएम-10 पंजाब यूनिवर्सिटी लुधियाना की खोज और स्वीट कॉर्न आदि की भी खेती की है। यहीं नहीं उन्होंने सेब के पौधे भी लगाए हैं और दावा किया है कि हिमांचल प्रदेश की सेब के एचआरएमएन 99 प्रभेद अपनी मिट्टी में भी लगाया जा सकता है। इन्होंने काला और हरा अंगूर भी लगाया है।

अमरूद की इलाहाबादी सफेद और एल 49 लखनऊ स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्राप्त कर लगाया है। निम्बू के साई शिवानी शरबती,बनारसी कागजी, बौना किस्म की कई प्रजातियों के पौधे भी लगाया है। इनके खेत में स्ट्रॉवेरी के पौधे के अलावा सहजन के 4 प्रभेद व शिमला मिर्च का भी उत्पादन हो रहा है। गत वर्ष उन्होंने टिडा का भी उत्पादन किया था।

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