जयपुर: गुल खिल गए हैं लेकिन इस बार गुलदाउदी के दीदार नहीं हो सकेंगे. बात कर रहे हैं राजस्थान यूनिवर्सिटी में लगने वाली गुलदाउदी एग्जीबिशन की. कोरोना के चलते इस बार गुलदाउदी एग्जीबिशन नहीं लगाई जाएगी तो वहीं इस बार आम लोगों की बजाय संस्थाओं को गुलदाउदी बिक्री के लिए रखी जाएगी.
कोरोना संक्रमण के बीच राजस्थान यूनिवर्सिटी में गुलदाउदी को लेकर तैयारियां की गई. कर्मचारी कम थे, लेकिन फिर भी कर्मचारियों में एक जुनून था कि वो हर बार लगने वाली गुलदाउदी को कैसे लगाना छोड़ सकते हैं?
लॉकडाउन के बीच राजस्थान यूनिवर्सिटी में महज दो कर्मचारियों ने यूनिवर्सिटी के उद्यान को संभालते हुए गुलदाउदी की पौध तैयार की है. कर्मचारियों की मेहनत के फूल खिलकर तैयार हैं लेकिन कोरोना संक्रमण ने भले ही इंसानों को संक्रमित किया हो लेकिन इसका असर अब सीधा-सीधा 1986 से हर वर्ष लगने वाली गुलदाउदी एग्जीबिशन पर भी पड़ा है.
राविवि प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आम लोगों के लिए इस बार न तो प्रदर्शनी रखी है और न ही गुलदाउदी की बिक्री ही उनको की जाएगी. राजस्थान यूनिवर्सिटी नर्सरी की ओर से इस बार गुलदाउदी के करीब 70 प्रकार की किस्में तैयार की गई हैं.
राजस्थान यूनिवर्सिटी नर्सरी इंचार्ज राम अवतार शर्मा का कहना है कि “इस बार 3 दिनों तक लगने वाली प्रदर्शनी को कोरोना संक्रमण के चलते हुए स्थगित किया गया है. इसके साथ ही इस बार यह बिक्री यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए संस्थानों के लिए ही रखी गई है. आम लोगों के लिए गुलदाउदी की खरीदारी नहीं हो पाएगी. इस साल गुलदाउदी की किस्मों में भी थोड़ी बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में गुलदाउदी प्रेमियों को प्रदर्शनी और खरीदारी के लिए अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा.”