बबलाई। देशभर में किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद जिले में मिला-जुला असर देखने को मिला। निमाड़ क्षेत्र के मंगलवार सुबह से खेतों में पहुंचे तो कामकाज में जुट गए।
टमाटर के खेतों में तुड़ाई कर रहे क्षेत्र के 30 वर्षीय किसान कन्हैया पाटीदार ने बताया कि उन्होंने 5 बीघा में टमाटर व 3 बीघा में लौकी की फसल लगाई है। पाटीदार ने बताया कि किसान आंदोलन का यहां के किसानों पर कोई खास असर नहीं है। हम सभी किसान प्रतिदिन अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं। आंदोलन का असर निमाड़ के किसानों पर नहीं है। किसान बिल को लेकर हमें कोई समस्या नहीं है। आंदोलन से ये जरूर हुआ है कि प्रदेश के बाहर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली की मंडियां बंद होने से टमाटर आगे नहीं भेज पा रहे, जिससे नुकसान हो रहा है।
बातचीत से ही निकलेगा हल, भारत बंद कोई उपाय नहीं
पास के खेत में पानी की टपक सही करते किसान राकेश पाटीदार दिखे। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा किए जा रहे देशव्यापी आंदोलन को लेकर देशभर के किसानों में चर्चा बनी हुई है लेकिन निमाड़ के किसानों पर इसका कोई खास असर नहीं है। आंदोलनकर्ता किसानों और सरकार के बीच बातचीत से ही इस समस्या का हल निकल सकता है। भारत बंद करना इसका कोई ठोस उपाय नहीं है। हम सभी तो अपने काम में व्यस्त है। जो भी खबर है, सुबह समाचार पत्रों के माध्यम से और न्यूज चैनल के माध्यम से पता चलती है। हमारे जीवन पर इसका कोई खास असर नहीं है।