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पाँच महीने बाद भी संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव नहीं होना प्रदेश सरकार की नाकारा कार्यप्रणाली का नमूना : भाजपा

ByPrompt Times

Aug 31, 2020
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करोड़ों रुपए मूल्य का धान बारिश में भीगकर सड़ रहा, सरकार को न मिलिंग की फ़िक्र और  न ही उठाव की : शर्मा
पिछले खरीफ सत्र का पूरा पैसा किसानों को नहीं दिया, संगृहीत धान का उठाव नहीं किया तो इस साल क्या इंतज़ाम किया है?

रायपुरभारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने प्रदेश के किसानों से खरीदे गए धान की समय पर कस्टम मिलिंग कराने और इस धान को सुरक्षित रख पाने में राज्य सरकार की विफलता पर निशाना साधा है। श्री शर्मा ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पाँच महीने बीत जाने के बाद भी संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो पाना प्रदेश सरकार की नाकारा कार्यप्रणाली का जीता-जागता नमूना है। धान की मिलिंग नहीं होने और धान की पर्याप्त सुरक्षा नहीं होने के कारण करोड़ों रुपए मूल्य का धान बारिश में भीगकर सड़ रहा है और प्रदेश सरकार को इसकी कोई फ़िक्र ही नहीं है।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि एक ओर प्रदेश गहरे आर्थिक संकट की ओर बढ़ता जा रहा है, दूसरी ओर प्रदेश सरकार किसानों से खरीदा धान बारिश में सड़ाकर बर्बाद करने पर उतारू है। प्रदेश सरकार द्वारा खरीदा गया यह धान राज्य की सम्पदा है और इसे सड़ाकर किसी उपयोग के लायक नहीं रहने देना न केवल अन्न का घोर अपमान है, अपितु राज्य की संपदा इस तरह नष्ट होने देना राष्ट्रीय संसाधन की बर्बादी के साथ ही प्रदेश के साथ एक गंभीर अपराध भी है। श्री शर्मा ने कटाक्ष किया कि प्रदेश सरकार का अच्छे कर्म करने में तो कोई भरोसा है नहीं, इसलिए किसी अच्छी सोच के साथ सकारात्मक प्रयास करके प्रदेश को आर्थिक तौर पर मज़बूत बनाने की दिशा में काम करना उसके स्वभाव में ही नहीं है और इसलिए वह न तो अन्न के दानों का मोल समझ रही है और न ही राष्ट्रीय संसाधन की बर्बादी का उसे कोई रंज है। श्री शर्मा ने कहा कि ग़रीबों, मज़दूरों, वंचितों, किसानों की हितैषी होने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार यह देख ही नहीं पा रही है कि एक तरफ लोगों को खाने के लिए दाने-दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ करोड़ों रुपए का धान सड़कर किसी उपयोग का नहीं रह जाएगा।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने राजनांदगाँव ज़िले में 225 करोड़ रुपए के धान खुले में बारिश में भीगने और सड़ने की ख़बर को तो एक नमूना बताया है। यही हाल पूरे प्रदेशभर में है। प्रदेश सरकार अब तक यह ब्योरा ही नहीं दे पाई है कि कितना धान कस्टम मिलिंग के लिए दिया जा चुका है और कितना धान अब भी संग्रहण केंद्रों पर खुले में पड़ बारिश में सड़ रहा है? श्री शर्मा ने तंज कसा कि प्रदेश सरकार को अनाज की सुरक्षा की कोई परवाह ही नहीं है, वह तो बस सियासी नौटंकी-जलसों और विधानसभा भवन के भूमिपूजन में ही मशगूल होकर अपने ‘परिवार’ की चाटुकारिता करके ‘दरबारी’ होने का फ़र्ज निभाने में ही लगी है। श्री शर्मा ने कहा कि एक तो प्रदेश सरकार ने अब तक पिछले खरीफ सत्र के इस खरीदे गए धान का पूरा मूल्य ही किसानों को नहीं चुकाया है और यह नया खरीफ सत्र भी अब लगभग आधा बीतने आया है। प्रदेश सरकार बताए कि जब वह पिछले सत्र के धान का पूरा पैसा किसानों को नहीं दे पाई है, संगृहीत धान का उठाव नहीं कर पाई है तो इस खरीफ सत्र में किसानों का भुगतान कैसे करेगी और दिसंबर से खरीदे जाने वाले धान के उठाव और रख-रखाव के लिए उसने क्या इंतज़ाम किया है?
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि देश कोरोना महामारी के चलते आपदा काल से गुजर रहा है, ऐसे समय में खाद्य सुरक्षा के प्रति हमें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की ज़रूरत है, लेकिन विज्ञापनबाजी और झूठ का रायता फैलाती यह प्रदेश सरकार निकम्मी साबित हो रही है। श्री शर्मा ने कहा कि धान सड़ रहा है, सरकारी गोबर का समुचित प्रबंधन नहीं होने के कारण बदबू व गंदगी से लोग परेशान हैं। गौठान गौ-वध केंद्र बनते जा रहे हैं जहाँ गौ-पशुधन बारिश में भीगकर ठंड और भूख से मारी जा रही हैं, पशुधन की अमानवीय पिटाई और सड़क हादसों से हो रही मौतें प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता की तस्दीक कर रही हैं, गौधन न्याय योजना के नाम पर प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बज़ट में जितना प्रावधान रखा है, उससे कई गुना ज़्यादा पैसा तो उसके विज्ञापन में यह सरकार खर्च कर चुकी है।

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