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पाकिस्तान: इमरान खान की विदाई तय! नवाज शरीफ की पार्टी ने किया पीएम कैंडिडेट का एलान

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22 मार्च 2022 |

सार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की इसी महीने विदाई होती दिख रही है। सूत्रों के अनुसार विपक्ष के साथ-साथ सेना के शीर्ष अधिकारियों ने उनसे कहा है कि वह 22-23 मार्च को देश में आयोजित होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सम्मेलन के बाद अपना पद छोड़ दें क्योंकि पाकिस्तान में लगातार राजनीतिक उथल-पुथल देश के हित में नहीं है। 

इमरान खान(फाइल)

इमरान खान(फाइल) 

विस्तार

पाकिस्तान में सियासी उथलपुथल के बीच नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने प्रधानमंत्री पद के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। विपक्षी पार्टी पीएमएल-एन ने नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। इस घोषणा के बाद से मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की विदाई की अटकलें और भी ज्यादा तेज हो गई हैं। नवाज शरीफ की बेटी और पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने बताया कि पार्टी ने शहबाज शरीफ को पीएम पद का प्रत्याशी बनाने का फैसला लिया है। मरियम ने इमरान खान के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के सफल होने की उम्मीद जताई है।

इमरान खान, आपका खेल खत्म हो गया: मरियम
मरियम नवाज ने कहा, कि इमरान खान! आपका खेल खत्म हो गया है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) आधिकारिक तौर पर टूट गया है। मरियम ने कहा कि पीएम इमरान को पता है कि अब कोई भी उनके बचाव में नहीं आएगा क्योंकि वह खेल हार गए हैं।  मरियम नवाज ने कहा कि इमरान खान को लगता है कि उनके खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है, लेकिन उन्होंने यहां के नागरिकों के खिलाफ साजिश किया है। अगर उन्होंने अपना कर्तव्य पूरा किया होता, तो दस लाख लोगों को विरोध करने का कोई कारण नहीं होता। 

इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 25 मार्च को
इमरान खान सरकार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, क्योंकि इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों के नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 25 मार्च को नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई है। विपक्षी नेता उन्हें अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराते हैं। लिहाजा अविश्वास प्रस्ताव 2018 में सत्ता में आने के बाद से इमरान खान के लिए सबसे कठिन परीक्षा मानी जा रही है, क्योंकि उनकी पार्टी के भी कई सांसदों ने उनके खिलाफ वोट देने का फैसला किया है। पाकिस्तान का कानून यह कहता है कि यदि कोई सांसद अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ वोट करता है तो उसकी सत्ता जा सकती है।

Source :- “अमर उजाला”


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