डेटा सुरक्षा विधेयक को लेकर बनी संसद की संयुक्त समिति के सामने गूगल और Paytm के अधिकारी गुरुवार को अलग-अलग समय पर पेश हुए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संयुक्त समिति ने दोनों कंपनियों के अधिकारियों से पूछा कि उनकी कंपनियों में चीन का निवेश कितना है? खासकर गूगल से पूछा गया कि चीन के साथ उनका क्या लिंक है?
यूजर्स के निजी डेटा को कहां स्टोर करता है गूगल?
गूगल से ये भी पूछा गया कि वे भारत मे कितना कॉर्पोरेट टैक्स जमा करते हैं? और उन्हें कितना रेवेन्यू मिलता है. गूगल से भारत में उसके गूगल पे और यू ट्यूब से आने वाले रेवेन्यू के बारे में भी बताने को कहा गया. गूगल से कमेटी के सदस्यों ने सवाल किया कि वह भारतीय यूजर्स के निजी डेटा को कहां स्टोर करता है और क्यों?
ऑनलाइन कंटेंट को लेकर कितने तटस्थ?
कमेटी के सदस्यों ने गूगल से पूछा कि उसके पास चूंकि कंट्रोल बटन है इसलिए वह ऑनलाइन कंटेंट को लेकर कितना तटस्थ (Neutral) है? कमेटी ने गूगल को इन सवालों का जवाब लिखित में देने को कहा गया है.
Paytm से निवेश को लेकर सवाल पूछे गए
संसद की एक समिति ने गुरुवार को पेटीएम के प्रतिनिधियों से कंपनी में चीनी कंपनियों के निवेश के बारे में सवाल पूछे. समिति ने उनसे यह भी कहा कि जिस सर्वर में ग्राहकों के आंकड़े हैं, उसे भारत में ही रखा जाना चाहिए. सूत्रों ने कहा कि पेटीएम के शीर्ष अधिकारी व्यक्तिगत सूचनाओं के संरक्षण विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के समक्ष पेश हुए और प्रस्तावित कानून को लेकर आंकड़ों के प्रबंधन समेत महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने सुझाव दिए.
ग्राहकों के आंकड़े वाले सर्वर को भारत में होना चाहिए
विभिन्न दलों के सदस्यों वाली प्रवर समिति ने पेटीएम से यह पूछा कि जिस सर्वर में ग्राहकों के आंकड़े रखे गए, वह विदेश में क्यों है जबकि कंपनी भारतीय इकाई होने का दावा करती है. सूत्रों के अनुसार समिति के सदस्यों ने पेटीएम के प्रतिनिधि से कहा कि ग्राहकों के आंकड़े वाले सर्वर को भारत में रखा जाना चाहिए. समिति के सदस्यों ने यह भी जानना चाहा कि कंपनी के डिजिटल भुगतान सेवा में चीनी निवेश कितना है. चूंकि पेटीएम अपने ई-वाणिज्य मंच पर स्वयं के उत्पाद भी बेच रही है, इसको देखते हुए हितों के टकराव की संभावना के बारे में सवाल पूछे गए.
पेटीएम ने समिति के समक्ष कहा कि संवेदनशील और व्यक्तिगत आंकड़े प्रसंस्करण (विश्लेषण) को लेकर भारत के बाहर स्थानांतरित किए जा सकते हैं. लेकिन ऐसा आंकड़े से जुड़े व्यक्ति की जरूरी मंजूरी के बाद ही हो सकता है.
इन कंपनियों से हो चुकी है पूछताछ
फेसबुक, ट्विटर और अमेजन पहले ही समिति के समक्ष अपनी बातें रख चुकी हैं. जबकि दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो और एयरटेल तथा ‘ऑनलाइन’ वाहन बुकिंग सेवा देने वाली ओला और उबर से समिति के समक्ष पेश होने को कहा गया है.
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली समिति व्यक्तिगत आंकड़ा सुरक्षा विधेयक 2019 पर विचार कर रही है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 11 दिसंबर, 2019 को व्यक्तिगत सूचना संरक्षण विधेयक लोकसभा में पेश किया था. विधेयक में लोगों से जुड़ी उनकी निजी जानकारी के संरक्षण और आंकड़ा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है.
विधेयक को बाद में विचार के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त प्रवर समिति को भेज दिया गया. प्रस्तावित कानून किसी व्यक्ति की सहमति के बिना संस्थाओं द्वारा व्यक्तिगत आंकड़ों के भंडारण और उपयोग पर रोक लगाता है.
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