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बारिश में साफ-सफाई पर दें विशेष ध्यान, ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव जरूरी

ByPrompt Times

Jul 21, 2021
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21-जुलाई-2021 | बगहा | मधुबनी प्रखंड में बरसात के कारण जगह जगह जलजमाव से उस इलाके में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ते जा रहा है। प्रखंड मुख्यालय से लेकर प्रखंड के अधिकांश इलाकों में जलजमाव हुआ है। गांव का मुख्य मार्ग हो या खेतों में पगडंडी सभी जगह जलजमाव के कारण नागरिकों को गंदे पानी में ही आना जाना पड़ता है। जिसके कारण फंगल इंफेक्शन,दाद, खुजली का प्रकोप बढ़ते जा रहा है।सबसे बड़ी बात यह है कि मधुबनी प्रखंड के सरकारी कार्यालयों के अगल बगल जलजमाव की समस्या अधिक है।जिस जगह पर सरकारी कर्मचारी ही खुद को जलजमाव से होने वाले संक्रामक बीमारियों को दावत देते हो, वैसे में वहां के नागरिकों की सुरक्षा वह कैसे करेंगे। बरसात के मौसम में जलजमाव से फाइलेरिया (हाथी पाव), डायरिया,टाइफाइड बुखार,फंगल इन्फेक्शन,चर्म रोग जैसी घातक बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। जलजमाव रहने वाले इलाकों में मच्छरों के कारण मलेरिया बीमारी का प्रकोप बना रहता है।

प्रखंड के अधिकांश क्षेत्र में शुद्ध पानी नहीं होने के कारण पहले से ही चर्म रोग बीमारियों का प्रकोप यहां रहता ही है। बरसात में इस बीमारी की संख्या दुगनी हो जाती है। अपने घरों के अगल-बगल जलजमाव और गंदगी इलाकों में ब्लीचिग पाउडर व चूना का छिड़काव कराना चाहिए जिससे कि दूषित पानी से होने वाली बीमारी से बचा जा सकता है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में जलजमाव अधिक दिनों तक रहता है जहां पर इस तरह की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है।

स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन बीमारियों को रोकथाम के लिए ब्लीचिग पाउडर व चूना का छिड़काव कराया जाएगा।पीएचसी में आए हर मरीजों को ओआरएस की घोल डायरिया से बचने के लिए दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गांव गांव कैंप कर इन बीमारियों से बचने के उपाय बताया जा रहा है और इन बीमारियों का दवा भी बांटा जा रहा है।ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव ज्यादा मात्रा में करने से स्वास रोग मरीजों में दिक्कत बढ़ जाती है।जिससे ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार ही करना चाहिए। उपरोक्त किसी भी बीमारी का लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सीय उपचार करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करके।जलजमाव से होने वाली संक्रमण बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है। पीएचसी में प्रतिदिन चर्म रोग बीमारी के 30 से 35 मरीजों का इलाज बारिश के मौसम में हो रहा है ।

बयान बरसात के कारण संक्रामक और फंगल इन्फेक्शन चर्म रोग की बीमारियां बढ़ जाती है। संक्रामक और चर्म रोग से बचने के लिए हमें अपने आसपास क्षेत्र जहां पर पानी का जलजमाव या गंदगी ज्यादा होने पर ब्लीचिग पाउडर व चूना मिलाकर छिड़काव कराना चाहिए। जलजमाव के कारण मच्छर पैदा हो जाते हैं जिससे मलेरिया का डर रहता है। बरसात में मलेरिया से बचने के लिए हमेशा मच्छरों से बचाव करना चाहिए।रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

डॉ. बालेश्वर शर्मा, चिकित्सा प्रभारी, मधुबनी पीएचसी

Source;- “जागरण


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