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पेगासस जासूसी: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक वीके जैन का नाम भी शामिल – प्रेस रिव्यू

ByPrompt Times

Jul 27, 2021
पेगासस जासूसी: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक वीके जैन का नाम भी शामिल - प्रेस रिव्यू

27-जुलाई-2021 | भारत सहित दुनियाभर में पेगासस स्पाईवेयर एक बार फिर चर्चा में हैं. इसराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी करने का दावा किया गया है.

पचास हज़ार नंबरों के एक बड़े डेटा बेस के लीक की पड़ताल द गार्डियन, वॉशिंगटन पोस्ट, द वायर, फ़्रंटलाइन, रेडियो फ़्रांस जैसे 16 मीडिया संस्थानों के पत्रकारों ने की है.

अभी तक लीक हुए नंबरों की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें केंद्रीय मंत्रियों समेत, राहुल गांधी और दूसरे कई नेताओं के नाम शामिल हैं. वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने अपने आज के अंक में लीक हुए नंबरों में से एक नंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सहायक वीके जैन का भी बताया है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, जैन का नंबर भी लीक हुए वैश्विक डेटा-बेस में से एक है. वीके जैन एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं, जिन्होंने साल 2017 में रिटायर होने से पहले दिल्ली सरकार में विभिन्न विभागों में काम किया था. इसके बाद केजरीवाल ने उन्हें अपना निजी सहायक नियुक्त किया था और उन्होंने इस पद पर रहते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी नियोजन और दूसरी कई परियोजनाओं पर काम किया था.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए वीके जैन ने कहा, “मुझे ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है. मैं बहुत अधिक टेक-फ़्रेंडली नहीं हूं और सोशल मीडिया से दूर ही रहता हूं. हालांकि मैंने सुना कि मेरा नंबर भी क्रॉप हुआ था, लेकिन मुझे पता नहीं क्यों. मेरा फ़ोन चेक करने के लिए किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मेरा नंबर इस लिस्ट में क्यों है?’

16 मीडिया संस्थानों में शामिल भारत के द वायर मीडिया संस्थान के हवाले से एक्सप्रेस ने लिखा है कि जैन का नंबर 2018 में सूची में आया था. यही वो समय था जब जब दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित तौर पर आप विधायकों ने सीएम आवास पर हमला किया था. हालांकि विधायकों और सरकारी अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया था. जैन भी उस समय सीएम आवास पर मौजूद थे और उन्हें इस मामले में गवाह बनाया गया था. उन्होंने घटना के कुछ दिनों के बाद ही केजरीवाल के सहयोगी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

Source;-“BBC News हिंदी

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