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PM मोदी 20 अगस्त को गुजरात को देंगे सौगातें, सोमनाथ मंदिर की तीन परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ पार्वतीजी मंदिर का करेंगे शिलान्यास

ByPrompt Times

Aug 19, 2021
PM मोदी 20 अगस्त को गुजरात को देंगे सौगातें, सोमनाथ मंदिर की तीन परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ पार्वतीजी मंदिर का करेंगे शिलान्यास

19 अगस्त 2021 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अगस्त को प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर की 83 करोड़ रुपए की चार परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वे मुख्य मंदिर के पास 30 करोड़ रुपए में बनने वाले पार्वतीजी मंदिर का शिलान्यास करेंगे। बता दें, पीएम मोदी सोमनाथ ट्रस्ट (एसएसटी) के अध्यक्ष भी हैं, जो गिर-सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन शहर में स्थित सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन करता है।

इन परियोजनाएं का होगा उद्घाटन
सोमनाथ में जिन तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है, उनमें पहली परियोजना पैदल मार्ग की है। मंदिर के पीछे समुद्र के किनारे 45 करोड़ रुपए की लागत से करीब दो किलोमीटर लंबा ‘समुद्र दर्शन’ पैदल मार्ग तैयार किया गया है। दूसरी परियोजना है मंदिर के पास 75 लाख रुपए में निर्मित एक संग्रहालय, जिसमें सोमनाथ की प्राचीन कलाकृतियों के दर्शन किए जा सकेंगे। तीसरी परियोजना पुनर्निर्मित अहिल्याबाई होल्कर मंदिर है।

यज्ञ मंडप के पास मां पार्वतीजी का भव्य मंदिर सफेद संगमरमर से सजायाग जाएगा।

पार्वतीजी का भव्य सफेद संगमरमर का मंदिर बनेगा
पिछले कई वर्षों में, सोमनाथ मंदिर के चारों ओर नए मंदिरों का निर्माण किया गया है। जिसमें भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण किया गया है। गोलोकधाम बनाने की तैयारी चल रही है। और अब 30 करोड़ रुपए की लागत से सोमनाथ मंदिर परिसर में भव्य शक्ति पीठ पार्वतीजी मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया है। ऐसा माना जाता है कि मां पार्वतीजी का मंदिर यज्ञ मंडप के पास स्थित था। इसी के चलते मंदिर का निर्माण उसी जगह करवाया जा रहा है।

30 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे पार्वतीजी मंदिर की डिजाइन।

वॉक-वे से समुद्र के अद्भुत दृश्य का आनंद ले सकेंगे
बता दें, सोमनाथ मंदिर के किनारे अरब सागर पर 45 करोड़ रुपए की लागत से सवा किमी लंबा वॉक-वे बनाया गया है। यह मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर तैयार किया गया है। इससे मंदिर आने वाले श्रद्धालु समुद्र का भी खूबसूरत नजारा देख सकेंगे। वॉक वे भी मुंबई के मरीन ड्राइव की तरह सागर के किनारे घुमावदार है। इस पर लोग पैदल सैर कर सकेंगे।

यहां पर्यटक वो बाण स्तंभ भी देख सकेंगे, जो इस स्थान की भौगोलिक खासियत बताता है। उसके ऊपर शिखर में एक तीर रखकर संकेत किया गया है कि सोमनाथ मंदिर और दक्षिणी ध्रुव के बीच पृथ्वी का कोई भू-भाग नहीं है।

Source;-“दैनिक भास्कर”  

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