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जुलाई, अगस्त से ज्यादा हो सकती है सितम्बर में बारिश, अब तक 694 मिमी बरसे बादल

ByPrompt Times

Aug 28, 2020
जुलाई, अगस्त से ज्यादा हो सकती है सितम्बर में बारिश, अब तक 694 मिमी बरसे बादल

गुना। रुठे रुप में सामने आ रही मानसून की नाराजगी दूर होती दिख रही है। धीरे-धीरे ही सही, किन्तू बारिश का आंकड़ा बढ़ने लगा है। फिलहाल की स्थिति में जिले में बादल 694 औसत रुप में बरस चुके हैं। हालांकि, सामान्य बारिश के आंकड़े को छूने के लिए बादलों को अभी भी 361 मिमी की लंबी दूरी तय करना है। ऐसे में एक अच्छी खबर मौसम विभाग की ओर से निकलकर सामने आ रही है। खबर यह है कि मानसून सितम्बर माह भी खासा सक्रिय रहेगा। विभाग का कहना है कि विदाई की इस बेला में बादलों के जमकर बरसने के आसार है। संकेत तो यह भी फिलहाल मौसम दे रहा है कि सितम्बर में बारिश जुलाई और अगस्त से ज्यादा भी हो सकती है। गौरतलब है कि क्षेत्र में मानसून की अवधि 15 जून से 30 सितम्बर तक मानी गई है। गत सालों को देंखे तो सितम्बर माह में बारिश कम ही होती है। 

पूरा सावन सूखा बीत गया तो भादौं भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। हालांकि इस दौरान गुना के आसमान पर बादल लगातार छाते रहे और बरसे भी, किन्तू उनके बरसने का अंदाज तेज न होकर छिटपुट बूदांबांदी करने के साथ फुहारों वाला ही रहा। अगस्त माह में गत सप्ताह में पहली बार मानसूनी सीजन में मानसून जैसे मौसम देखने को मिला। इस दौरान तीन-चार दिन तक अच्छी बारिश हुई। हालांकि गुना में अपेक्षाकृत बादल फिर भी नहीं बरसे, किन्तु तहसील और ग्रामीण अंचल से जोरदार बारिश की खबरें निकलकर सामने आती रहीं। करीब 5 इंच पानी इस अवधि में बरसा। इसमें भी सबसे ज्यादा बारिश कुंभराज और बमौरी में हुई।

इस बारिश का असर खेती-किसानी पर भी पड़ा है। कहीं फसल को इससे नुकसान हुआ तो कहीं फायदा भी हुआ है। किसानों के अनुसार नुकसान उन क्षेत्रों में हुआ है, जहां बारिश ज्यादा और लगातार हुई। जिससे खेतों में पानी भर  गया और इसके कारण फसल गल गई। जिले के चांचौड़ा और मधुसूदनगढ़ क्षेत्र में ऐसी स्थिति बनी। यहां पार्वदी नदी के रौद्र रुप के कारण फसल को नुकसान हुआ। हालांकि किसानों का कहना है कि फसल को नुकसान कम और फायदा अधिक हुआ है। यह फायदा फिलहाल बारिश के थमे रहने के कारण और ज्यादा है। ऐेेसे में भी धूप निकलने के बाद फिर बारिश हो जाए तो सोने पर सुहागा होगा।

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