समस्तीपुर। मानसून इस बार काफी अच्छा रहा। जमकर बरसात हुई। लेकिन, समस्या लेकर भी आई। इस समय धान की फसल पूरी तरह से तैयार है। अन्य फसलें भी होने वाली हैं। ऐसे समय में बीते दिनों लगातार हुई बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। साथ ही बहुत से गांवों में फिर पानी प्रवेश कर गया है। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने भी क्षति की रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया है। रिपोर्ट आने के बाद क्षति का आकलन हो सकेगा। साथ ही किसानों से अपील की है कि जिनकी धान की फसल तैयार हो चुकी है वह अपने खेतों से पानी निकलवा लें। तेज आंधी व बारिश के बाद खेतों में जल जमाव की वजह से धान की फसल बर्बाद हो गई है। अधिकतर खेतों में अब भी पानी भरा होने के कारण किसान अपना माथा पीट रहे है। इस बार मानसून अच्छा रहने की वजह से धान की फसल के साथ-साथ सब्जी भी बर्बाद हो गई। किसानों की फसल हुई चौपट
ग्रामीण क्षेत्रों में खेत में पानी लगने के कारण किसानों द्वारा लगाए गए सब्जी भी बर्बाद हो गए है। इसमें धान के अलावा सब्जियों में परवल, फूलगोभी, बंधागोभी, कद्दू, नेनुआ, बैगन और तंबाकू सहित अन्य फसल को बर्बाद हुई है। खेत में बर्बाद फसल को देखकर किसान माथा पीट रहे है। ताजपुर के मोतीपुर गांव निवासी विजय कुमार, अमर कुमार, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह ने बताया कि धान की फसल बर्बाद हो गई है। अब भी खेतों में पानी जमा होने से अन्य फसल की बुवाई भी नहीं हो पाएगी। इसी गांव के राजदेव प्रसाद सिंह, जयदेव सिंह, ईश्वर देव सिंह, देवेन्द्र सिंह आदि किसान आदि किसान भी बारिश के कारण धान की फसल चौपट होने से परेशान हैं। फतेहपुर गांव निवासी मनोज सिंह व रतन सिंह ने कहा कि बारिश ने किसानों का कमर तोड़कर रख दिया है। सहायता नहीं मिली, तो किसानों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा। राजखंड गांव निवासी अरविद कुमार ने कहा कि क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की फसल बर्बाद होने से गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। क्षतिपूर्ति दिलाने की उठी मांग
मानपुरा गांव निवासी अफरोज, सलेमपुर गांव निवासी अशोक सिंह सहित अन्य किसानों ने बताया कि उनकी खेतों में लगी धान की फसल व सब्जी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। जल जमाव व फसल की बर्बादी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने सर्वे करा कर किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की। तेज आंधी बारिश की वजह से फसल को नुकसान हुआ है। इसको लेकर फसल क्षति मुआवजा देने, ऋण माफ करने आदि की मांग की गई है।