29 सितंबर 2022 | बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की धरा पर मुस्लिम समुदाय के दो सदस्यों ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया है। पदयात्रियों के लिए बनाए गए माता के पंडाल में खुद माइक और स्पीकर लेकर पहुंचे। फिर दोनों ने भक्ति गीतों का समां बांध दिया। एक ने ‘तूने मुझे बुलाया शेरा वालिए’ और शेर पे सवार होकर आजा शेरा वालिए’ तो दूसरे ने ‘शेरों वाली और ये काल रात है कल्याणी’ गाया। इनके भक्ति गानों ने पंडाल में आराम कर रहे पदयात्रियों की थकान दूर कर उनमें जोश भर दिया। इन दोनों का कहना है कि मजहब से बढ़कर दुनिया में भाईचारा पहले है।
दरअसल, इनमें से एक साजिद भारती खान हैं जो पेशे से शिक्षक हैं। वहीं दूसरे मिंटू खान हैं, जो शहर के एक प्रतिष्ठित व्यापारी हैं। मुस्लिम समुदाय के ये दोनों सदस्य हमेशा भक्ति और सामाजिक कामों में आगे रहते हैं। हर दिन गीदम के यूथ क्लब में शहर के ही रहने वाले सुरेश फुटाने, जॉनी जैन, मदन समेत अन्य के साथ गानों की प्रैक्टिस भी करते हैं। साजिद और मिंटू खान ने बताया कि, उन्हें भक्ति गाने अच्छे लगते हैं। अपने मजहब के साथ ही दूसरे मजहब के रीति-रिवाज और संस्कृति में शामिल होना, कोई भी पर्व साथ मिलकर मनाना बेहद पसंद है। इनका मानना है कि ऐसा करने से भाईचारा बना रहता है।
माइक-स्पीकर साथ लेकर आए, बोले अब रोज बांधेंगे सुरों का समां
गीदम के शिरडी साईं समिति के पंडाल में बुधवार की रात दोनों माइक और स्पीकर लेकर पहुंच गए। यहां सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच इन्होंने पहले माता की जय-जयकार लगाई। फिर एक-एक कर जस गीत गाने लगे। इनके गानों को सुनकर भक्त और समिति सदस्य भी झूमने लगे। अन्य गायक सुरेश फुटाने, जॉनी और मदन ने भी इनका साथ दिया। देर रात तक यह सिलसिला चलता रहा। उन्होंने कहा कि, अब नवरात्रि के बचे हुए बाकी के दिन भी पंडाल में आकर जस गीत गाएंगे।
Source:-“दैनिक भास्कर“