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पानी की बर्बादी रोकने और वर्षा जल संरक्षण का लेना होगा संकल्प

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Apr 2, 2021
पानी की बर्बादी रोकने और वर्षा जल संरक्षण का लेना होगा संकल्प
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बागपत, जेएनएन। देश में अधिकांश लोग पानी के महत्व को न ठीक से समझते हैं ना ही समझना चाहते हैं। बढ़ती आबादी के बीच बेतहाशा पानी की बर्बादी भविष्य में गंभीर जल संकट पैदा करेगी। ऐसे में स्वच्छ पेयजल मुहैया करना बड़ी चुनौती रहेगा। जिले में तेजी से गिरते भूगर्भ जल स्तर के बीच हमें जल को सुरक्षित व संरक्षित करने के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है।

हरित प्राण संस्था के अध्यक्ष डा. दिनेश बंसल का कहना है कि हम सबको मिलकर संकल्प लेना होगा कि अपनी दिनचर्या में पानी की बर्बादी रोकेंगे। अधाधुंध भूगर्भ जल दोहन को नियंत्रित करेंगे और भावी जल निधि के रूप में बारिश के पानी को संचित कर भूजल स्त्रोतों को बचाएंगे। असुरक्षित पेयजल से अस्सी प्रतिशत बीमारियां होती हैं और पेयजल की आपूर्ति सतही स्त्रोतों एवं भूगर्भ जल से होती है। आज पानी को बचाकर कल होने वाले पानी के संकट को टाला जा सकता है।

पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी एस्त्रो संस्था के संजय राणा का कहना है कि जल की बूंद-बूंद का महत्व सबकों समझना होगा। आज बढ़ती आबादी के कारण शहरों से कच्ची जमीनों का रकबा कम हो रहा है, जिस कारण वर्षा का जल नालों से होते हुए सीधे नदियों में पहुंच जाता है। कंक्रीट फर्श और टाइलों से ढकी जमीन प्यासी ही रह जाती है, ऐसे में बारिश का पानी भूमिगत जल के स्त्रोत तक नही पहुंच पाता है। ऐसे में अपने घर आंगन की जगह में कुछ स्पेस कच्चा रखने का संकल्प सभी को लेना होगा ताकि बारिश का पानी भूमिगत स्त्रोत में मिल सके।

पर्यावरण विद कृष्णपाल सिंह- डौला के कहते हैं कि वाटर प्योरीफायर से शुद्ध पानी के साथ पांच गुना वेस्ट वाटर निकलता है। इस पानी को किसी बर्तन में भर दें और बाद में अन्य उपयोग जैसे सब्जी या बर्तन धुलने के काम में ले लें। वर्षा जल को संरक्षित करें, चाहें जमीन के ऊपर चाहें जमीन के नीचे, हर खेत का पानी खेत में रोंके। घर छत का पानी आंगन में रोकें। गांव का पानी गांव में रोकें। बेहतर जीवन शैली ने पानी के खर्च को बढ़ाया है। छोटे-छोटे उपायों से पानी की बचत का हम सब संकल्प लें। बरसाती पानी को नाले नालियों में न बहनें दें, उसे संरक्षित करें।


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