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ठंड की दस्तक के साथ सुबह की सैर के लिए उद्यानों में लौट रही रौनक

ByPrompt Times

Oct 23, 2020
ठंड की दस्तक के साथ सुबह की सैर के लिए उद्यानों में लौट रही रौनक

ठंड की दस्तक के साथ राजधानी रायपुर के उद्यानों में रौनक लौट रही है। सुबह पांच बजे से आक्सीजोन, गुरु तेगबहादुर उद्यान, गांधी-नेहरू गार्डन, मोतीबाग, कटोरा तालाब गार्डन समेत शहर के सभी बाग-बगीचों में चहल-पहल रहती है। खास बात यह कि उद्यानों में लोग कोरोना से सावधान नजर आते हैं। अधिकतर लोग मास्क लगाए रहते हैं और शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी करते हैं।

शुक्रवार को सुबह आक्सीजोन में लोग दूरी बनाकर घूमते हुए नजर आए। कुछ लोग दूर-दूर बैठकर योग कर रहे थे। कई लोग कसरत से निवृत्त होकर छांव में बैठे हुए बातचीत कर रहे थे। अधिकतर लोगों की चर्चा का विषय कोरोना ही था। लोगों के विचार सकारात्मक लगे। राजातालाब के अनिल मिश्रा ने कहा कि लोगों में जागरूकता आई है। मास्क लगाएंगे, शारीरिक दूरी रखेंगे, खानपान में संयम बरतेंगे, साफ-सफाई में लापरवाही नहीं बरतेंगे तो कोरोना जरूर हारेगा। इसी तरह चंद्रप्रकाश जैन का कहना था कि संयम के बिना जीवन खुशहाल नहीं हो सकता। कोरोना ने सबक सिखा दिया। अब लोगों को सजग हो जाना चाहिए। संयम हमेशा जरूरी है। कोरोना काल गुजर जाने के बाद भी संयम रखना होगा, नहीं तो कोई दूसरी बीमारी जकड़ लेगी।

प्याज और महंगाई पर चर्चा

गांधी उद्यान में लोग कोरोना के साथ ही प्याज की महंगाई पर भी चर्चा कर रहे थे। आए थे सेहत सुधारने के लिए, लेकिन महंगाई का तनाव उनमें स्पष्ट दिख रहा था। कुछ महिलाएं गार्डन के चक्कर लगा रही थीं, लेकिन उनकी चर्चा का विषय आलू-प्याज, दाल ही था। श्याम नगर के बल्लाराम यादव गार्डन के बाहर ही मिल गए। 65 वर्षीय यादव साइकिल से राउंड लगाने निकले थे। उन्होंने कोरोना पर चर्चा में कहा कि कोरोना उनसे क्या पंगा लेगा? 65 की उम्र में भी उन्होंने संयम के बल पर कोरोना को अपने पास नहीं फटकने दिया।

राजभवन के पास स्थित गुरु तेगबहादुर गार्डन में लोग कम दिखाई दिए। सुरक्षा गार्ड भोलाराम गिरी ने बताया कि गार्डन सुबह पांच बजे खुल जाता है। बच्चे, युवा, बुजुर्ग हर उम्र के लोग आते हैं। इधर दो दिन से सुबह गुलाबी ठंड महसूस हो रही है, इसलिए बुजुर्ग देर से आते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना का भय दिखता है। बच्चे और युवा भी जागरूक दिखते हैं। वे गार्डन में पहले की तरह शरारत नहीं करते।

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