समस्तीपुर। एक कहावत है जो संकट में काम आए वही सबसे बड़ा हितैषी। बसंत मार्केट के दवा व्यवसायी लॉकडाउन के दौरान संकट के समय मरीजों को दवा की किल्लत नहीं होने देने का भरोसा दिया, उनतक जरूरी दवाइयां ही न पहुंचवाई बल्कि मास्क व सैनिटाइजर को भी पहुंचाया। लोगों का भरोसा जीता, इसका असर अनलॉक में दिख रहा है। संकट के दौर में काम आने के कारण आज उनकी प्रतिष्ठा दोगुनी बढ़ गई है। सर्राफ मेडिकल के मालिक श्याम सर्राफ बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान भी दुकानें खुली रही। लेकिन दुकानदारों की आवाजाही कम थी। लोगों में घबराहट थी की दवाइयां मिलेगी या नहीं। इस घबराहट के कारण लोग जरूरी दवाइयों का संग्रह करने लगे थे। दुकान की बिक्री अचानक बढ़ गई। लेकिन 10 दिनों के बाद स्थिति बदल गई। मांग के अनुरूप दवाइयां नहीं मिलने से स्टॉक खाली होने लगा। हालांकि सरकार तुरंत एक्शन में आई। दवाइयों की डिलीवरी की जाने लगी। जिससे स्टॉक तो भर गया लेकिन ग्राहकों की संख्या अचानक कम हो गई। ऐसे में ग्राहक दुकानदारों के बीच फ्लो बरकरार रखना एक चुनौती थी। तब नियमित ग्राहकों से टेलीफोन से संपर्क बनाया, उनका भरोसा जीता। जिसका असर दिख रहा है।
जरूरतमंदों तक पहुंचया मास्क व सैनिटाइजर : श्याम सर्राफ बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। प्रशासनिक बंदिश भी इसमें आड़े आ रही थी। लेकिन उस समय सर्वाधिक जरूरत मास्क, सैनिटाइजर की थी। मांग को टाला नहीं जा सकता था। ऐसे में प्रशासनिक व जरूरतमंदों के बीच इसके वितरण का कार्य किया। कई जरूरतमंदो को मुफ्त अनाज की भी व्यवस्था की। इसमें खाटू श्याम मंदिर के सचिव सुनील अग्रवाल एवं अन्य सदस्यों का भी सराहरणीय सहयोग रहा। लोगों तक जरूररत की चीजें पहुंचने लगी तो उनके मन में बैठा अनिश्चिता का भाव दूर हो गया। एक नए संबंध की शुरुआत हुई। जिसका सार्थक असर आज भी दिख रहा है।
लॉकडाउन के दौरान सरकारी निर्देश के मुताबिक सबसे जरूरी मास्क, सैनिटाइजर व प्रवासियों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी थी। मानवता के आधार पर हमने अपने मित्रों के सहयोग से इसे पूरा किया। जिसने भी संपर्क किया उसे इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई। एक बार भावनात्मक जुड़ाव हो जाने के बाद इसका असर आज मानवता पर दिख रहा है।
श्याम सर्राफ, सर्राफ मेडिकल हॉल, समस्तीपुर।