• April 20, 2024 5:52 pm

पीएफआई प्रमुख समेत अब तक 106 सदस्यों पर शिकंजा

22 सितम्बर 2022 | आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु, केरल समेत 13 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

पीएफआई अध्यक्ष गिरफ्तार, विरोध प्रदर्शन शुरू
NIA और ED ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष OMA सलाम के अलावा PFI के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान PFI कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा कर्नाटक के मंगलुरु में भी NIA की छापेमारी के खिलाफ PFI और SDPI के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इन्हें हिरासत में ले लिया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने PFI पर एनआईए के छापे को लेकर NSA, गृह सचिव, डीजी एनआईए सहित अधिकारियों के साथ बैठक की।

जानें किस राज्य से कितनी गिरफ्तारियां हुईं
NIA, ED और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमों ने 11 राज्यों में अब तक कुल 106 PFI सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिसमें आंध्र प्रदेश-5, असम-9, दिल्ली-3, कर्नाटक-20, केरल-22, मध्यप्रदेश-4, महाराष्ट्र-20, पुडुचेरी-3, राजस्थान-2, तमिलनाडु-10 और यूपी से आठ  लोगों को गिरफ्तार किया गया।

राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी
पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। संगठन ने एक बयान में कहा कि असहमति की आवाज को दबाने के लिए फासीवादी शासन  द्वारा एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल करने के कदमों का हम कड़ा विरोध करते हैं।

तमिलनाडु के डिंडीगुल में छापेमारी
एनआईए के अधिकारी तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पार्टी कार्यालय पर छापेमारी की। पीएफआई के 50 से ज्यादा सदस्यों ने एनआईए की छापेमारी के खिलाफ पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

असम से नौ पीएफआई से जुड़े लोग हिरासत में
असम पुलिस ने राज्य भर में पीएफआई से जुड़े नौ लोगों को हिरासत में लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि, कल रात असम पुलिस और एनआईए ने संयुक्त रूप से गुवाहाटी के हाटीगांव इलाके में अभियान चलाया और पीएफआई से जुड़े राज्य भर में 9 लोगों को हिरासत में लिया।

इन लोगों का नाम चार्जशीट में शामिल
चार्जशीट में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उनमें के ए रऊफ शेरिफ, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर रहमान, दिल्ली स्थित सीएफआई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े  पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और मोहम्मद आलम के नाम शामिल हैं।

मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन से भी गिरफ्तारी
मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन में एनआइए ने पीएफआइ के ठिकानों पर मारा छापा है। पीएफआइ के मध्य प्रदेश लीडर को गिरफ्तार किया गया। चार नेता इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार किए गए।

दो संदिग्ध लखनऊ से गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यूपीएटीएस व एनआईए की छापेमारी में दो संदिग्धों को लखनऊ से हिरासत में लिया गया है।

बिहार में भी  PFI पर शिकंजा
बिहार के पूर्णिया में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई,  PFI कार्यालय में तलाशी ले रही है।

कल हड़ताल करेगा पीएफआई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने छापेमारी के खिलाफ गुरुवार को पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन किया। संगठन ने केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ अपने मजबूत विरोध को चिह्नित करने के लिए शुक्रवार को दक्षिणी राज्य में सुबह से शाम तक की हड़ताल का भी आह्वान किया। पीएफआई के एक बयान में कहा गया है कि उसकी राज्य समिति ने पाया कि नेताओं की गिरफ्तारी राज्य प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा थी।

पीएफआई के राज्य महासचिव ए अब्दुल सथर ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर असहमति की आवाज को दबाने की आरएसएस नियंत्रित फासीवादी सरकार की कोशिश के खिलाफ 23 सितंबर को राज्य में हड़ताल की जाएगी। उन्होंने बयान में कहा कि हड़ताल सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक होगी।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) क्या है?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।  यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।

सोर्स :-“अमर उजाला”                                         

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